सोमवार, 29 दिसंबर 2014

गजल

(मिथिला आन्दोलन विशेष)


बहराउ यौ मैथिल घरसँ मोनमे ई ठानि कऽ
लेबे करब मिथिलाराज्य आब छाती तानि कऽ

हे वीर मैथिल देखाक वीरता अभिमानसँ
आजाद मिथिलाकेँ लेल सब लडू समधानि कऽ

हो गाम या शहर छी कतहुँ मुदा सब ठामसँ
आबू करू आन्दोलन रहब जँ मिथिला आनि कऽ

मेटा रहल अछि पहचान देखिते भूगोलसँ
अस्तित्व ई धरतीकेँ बचाउ माए जानि कऽ

इतिहास मिथिलाकेँ दैत अछि गवाही कुन्दन
ई भूमि छी विद्वानक सदति चलल सब मानि कऽ


मात्राक्रम : 2212-2221-2122-211

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों