सोमवार, 31 अगस्त 2015

गजल

आइ हमरा बुझा रहल अछि
छै कियो जे नचा रहल अछि

भरि जनम जाल बनि कऽ रहलहुँ
अंतमे ओ बझा रहल अछि

आइ किछु काल्हि किछु तँ परसू
किछु ने किछु सभ बचा रहल अछि

किछु तँ छै बात जे टुकुर टुक
ओकरे दिस  तका रहल अछि

राति दिन भोर साँझ दुपहर
नाम तोरे रटा रहल अछि

सभ पाँतिमे 2122-12-122 मात्राक्रम अछि

 चारिम शेरक दोसर पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

गुरुवार, 27 अगस्त 2015

गजल

कली त खिलल मुदा फुला नै सकल
हृदयसँ गुलाब बनि लगा नै सकल

वसंत बहार सन पहर छल मुदा
सिनेहसँ बाग ओ सजा नै सकल

कथीक कमी छलै हमर नेहमे
खुशीसँ किएक ओ बता नै सकल

बताह बनाक छोडि हमरा चलल
पियास हियाक ओ बुझा नै सकल

नसीब हमर खराब कुन्दन छलै
हिया त मिलल अपन बना नै सकल

मात्राक्रम : 12112-1212-212

© कुन्दन कुमार कर्ण

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गजल

जहिना दीपमे तेल जरूरी हए छै
तहिना नेहमे मेल जरूरी हए छै

जितबा लेल जिनगीक जुआमे मनुषकेँ
अपने किस्मतक खेल जरूरी हए छै

नेहक बाटपर जाइ बड़ी दूर तेहन
विश्वासक चलब रेल जरूरी हए छै

हितमे काज केनाइ समाजक असलमे
लोकप्रिय बनै लेल जरूरी हए छै

बिनु संघर्ष जिनगीक मजा कोन कुन्दन
कहियो काल किछु झेल जरूरी हए छै

मात्राक्रम : 2221-221-122-122

© कुन्दन कुमार कर्ण


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गजल

करितै नेह जँ केओ अथाह हमरो
रहितै मोन खुशीमे बताह हमरो

नेही एक बनी हमहुँ साँच ककरो
अछि जिनगीक रहल आब चाह हमरो

बनि घटवाह निमन भेट जाइ संगी
हेतै पार सफलताक नाह हमरो

कविता गीत गजल आ अवाज सुनिते
कहितै लोक जखन वाह वाह हमरो

मिलिते आइ नजरि ओकरासँ कुन्दन
मोने मोन भऽ गेलै निकाह हमरो

मात्राक्रम : 2221-122-121-22

© कुन्दन कुमार कर्ण


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गजल

ओकर यादक आइ फेरो विर्रो उठल हियामे
उडिया गेलौं हम बिहारि प्रेमक बहल हियामे

जादू मौसमकेँ असर केलक मोन पर हमर जे
आस्ते–आस्ते दर्द मिठगर नेहक बढल हियामे

अन्चोकेमे चान दिस ई चंचल नजरि कि गेलै
छल पूनमकेँ राति सूरत ओकर सजल हियामे

जा धरि ठठरी ठार रहतै मरिते रहब अहाँपर
खाइत शप्पत हम कहै छी प्रिय ई गजल हियामे

मोनक सेहन्ता हमर छल ललका गुलाब कुन्दन
ककरा सभ किछु भेटलै ऐठाँ जे रहल हियामे

मात्राक्रम : 2222-2122-2212-122

© कुन्दन कुमार कर्ण

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मंगलवार, 25 अगस्त 2015

गजल

गजल

दंगा हुनके महिमा छै
सहमल कोसी कमला छै

खुब्बे बरसल आगि सखी
साबन भादब महिना छै

बदलल छै सरकार मुदा
सभ किछ जहिना तहिना छै

इंजन डिब्बा कानि रहल
रूकल रूकल पहिया छै

बेर कुबेरक घरमे आब
दैया मैया बहिना छै

सभ पाँतिमे 222-222-2मात्राक्रम अछि
दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु अतिरिक्त छूट जकाँ अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

रविवार, 23 अगस्त 2015

गजल



छूटल छाटल अनचिन्हार छलै
बूड़ल बाड़ल अनचिन्हार छलै

मोनक बक्सा खोलि कऽ देखलकै
साँठल सूठल अनचिन्हार छलै

सी लेलक ओ अप्पन छाँहो धरि
फाटल फूटल अनचिन्हार छलै

खूजल रहलै सभहँक हाथ मुदा
नाथल नूथल अनचिन्हार छलै

चलि गेलै चिन्हार तखन बुझलहुँ
बाँचल बूचल अनचिन्हार छलै

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि
दूटा लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

गजल

आइ फेरो दोस्ती के बहन्ना ताकि लै छी
नेह छोहक हेड़ाएल पन्ना ताकि लै छी

बड़ निहारै छथि ओ राहु केतुक संग शनिकेँ
हम अझक्के अपना लेल चन्ना ताकि लै छी

देहमे तरकारी ठोरमे छै दालि भात
आँखिमे हम चटनी संग सन्ना ताकि लै छी

लोक बेगरते मरि जेतै से मंजूर मुदा हम
अपना काजक खातिर सेठ धन्ना ताकि लै छी

घुरि कऽ एबे करतै प्रेम अनचिन्हार संगे
स्वागतक खातिर अँगना दलन्ना ताकि लै छी

सभ पाँतिमे2122-2221-2221-22 मात्रा क्रम अछि।


तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृत परंपरानुसार दीर्घ मानल गेल अछि।
चारिम शेरक दूनू पाँतिमे एक-एक ठाम दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों