रविवार, 10 सितंबर 2017

गजल

चान दर्शनके लोलसा जागल घोघ उघारू प्रिय
राति पूनमके छै निहोरा नै आइ नकारू प्रिय

छल पिआसल ई मोन लिअ ने छातीसँ सटा हमरा
आश पूरा मिलनक करू दुन्नू हाथ पसारू प्रिय

फूल झाँपल पत्तासँ शोभा फुलबारिक नै दै छै
माथ परके चुनरी गुलाबी आस्तेसँ ससारू प्रिय

प्रेम जीवन प्रेमे जगतमे रहि जाइ अमर छै ये
सात जन्मक संगी बना परमात्माक पुकारू प्रिय

नै पुछू लागैए मजा केहन नैन मिला कुन्दन
तीर नैनक सोझे करेजा पर मारि निहारू प्रिय

2122-2212-2221-1222

© कुन्दन कुमार कर्ण

http://www.kundanghazal.com

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों