शुक्रवार, 1 सितंबर 2017

गजल

टूटल हृदय के तार पंडीजी
नोरो रहलै उधार पंडीजी

देवतो पितर हाथ उठा लेला
जखने भेलथि शिकार पंडीजी

उजड़ल पुजड़ल गाछीमे असगर
तकने घूरथि बहार पंडीजी

खाली तड़िखाने देखि सकैए
जे एकै छै चमार पंडीजी

कहबा लेल तैंतीस कोटि देव
छथि मुदा अनचिन्हार पंडीजी

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 222 222 222 अछि
दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों