रविवार, 10 सितंबर 2017

गजल

गदहा सभ सरकार चलेतै
लुच्चा सभ दरबार चलेतै

जकरा लग ने पैसा कौड़ी
से कोना संसार चलेतै

जखने जागत सूतल जनता
आर चलेतै पार चलेतै

काँपै जकर मोन इजोतमे
ओ मार कि सम्हार चलेतै

बनतै गृहस्थ साधू बाबा
साधू सभ परिवार चलेतै



सभ पाँतिमे 22222222 मात्राक्रम अछि
दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों