गदहा सभ सरकार चलेतै
लुच्चा सभ दरबार चलेतै
जकरा लग ने पैसा कौड़ी
से कोना संसार चलेतै
जखने जागत सूतल जनता
आर चलेतै पार चलेतै
काँपै जकर मोन इजोतमे
ओ मार कि सम्हार चलेतै
बनतै गृहस्थ साधू बाबा
साधू सभ परिवार चलेतै
सभ पाँतिमे 22222222 मात्राक्रम अछि
दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
लुच्चा सभ दरबार चलेतै
जकरा लग ने पैसा कौड़ी
से कोना संसार चलेतै
जखने जागत सूतल जनता
आर चलेतै पार चलेतै
काँपै जकर मोन इजोतमे
ओ मार कि सम्हार चलेतै
बनतै गृहस्थ साधू बाबा
साधू सभ परिवार चलेतै
सभ पाँतिमे 22222222 मात्राक्रम अछि
दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें