शुक्रवार, 19 जनवरी 2018

गजल

कोनो दर्दमे आइ धरि मिठास नै छल
भरिसक मोनमे प्रेमिकाक बास नै छल

मिलिते नैन तोरासँ ठोर बाजि उठलै
अनचिन्हारके टोकितों सहास नै छल

सुन्नरताक संसारमे कमी कहाँ छै
आरो लेल केने हिया उपास नै छल

नेहक लेल भेलौं बताह नै तँ कहियो
जिनगी एहि ढंगक रहल उदास नै छल

प्रियतम बिनु जुआनी कटति रहै अनेरो
लागल जोरगर चाहके पिआस नै छल

यौवन देखलौं सृष्टिमे अनेक कुन्दन
एहन पैघ भेटल कतौं सुवास नै छल

2221-2212-121-22

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों