मंगलवार, 9 जनवरी 2018

गजल

नै उलहन कोनो नै उपराग तोरासँ
भरिसक बनतै दोसरके भाग तोरासँ

जियबै जिनगी हम माली बनिक' भमरासँ
सजतै ककरो मोनक जे बाग तोरासँ

पूरा हेतै से की सपनाक ठेकान
अभिलाषा छल जे सजितै पाग तोरासँ

तोंही छलही सरगम शुर ताल संगीत
छुछ्छे आखर रहने की राग तोरासँ

मेटा लेबै कुन्दन दुनियासँ अपनाक
रहतै जिनगीमे नै किछु दाग तोरासँ

222-222-221-221

© कुन्दन कुमार कर्ण

www.kundanghazal.com

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों