शुक्रवार, 11 मई 2018

भजनपर गजलक प्रभाव-1

भारतीय भजन (सभ भाषा)मे गजलक बहुत बड़का प्रभाव छै। एकर कारण छै बहरमे भेनाइ(वार्णिक छंद)। मैथिलीक पहिल अरूजी अपन गजलशास्त्रमे लिखै छथि जे "सरल वार्णिक छंद (वर्ण गानि) गेबामे सभसँ कठिन छै ताहिसँ कम कठिन मात्रिक छंद छै आ सभसँ सरल गेबामे वार्णिक छंद छै। गजलमे वार्णिक छंद, काफिया होइत छै मुदा ताहि संग रदीफ सेहो होइत छै जाहि कारणसँ गजल गेबा लेल आर बेसी उपयुक्त भ' जाइत छै। रदीफ गजल लेल अनिवार्य नै होइत छै मुदा तेहन भ' ने सटल रहै छै जे ओ गजलक मौलिकताक पहिचान सेहो बनि जाइत छै। रदीफेसँ कियो गुणी पाठक पहिचान जाइ छथि जे ई किनकर गजल अछि। गजलमे कोनो एकटा रदीफक प्रयोग भ' गेल छै तकरे फेरसँ दोसर शाइर द्वारा प्रयोग करब ओइ पहिल आ मूल गजलक लोकप्रियताकेँ देखबै छै। आइसँ हम किछु एहन भारतीय भाषाक भजन (सभ भाषा) देखा रहल छी जे कि स्पष्टतः गजलसँ प्रभावित भेल अछि। एहि कड़ीक पहिल खंडमे हम स्वामी ब्रह्मानंद जीक भजन आ इब्न ए इंशाजीक गजल लेलहुँ अछि। उर्दूक महान शाइर इंशाजीक जन्म 1927 मे भेल छलनि। हुनकर एकटा गजलक शेर अछि...........

दिल इश्क़ में बे-पायाँ सौदा हो तो ऐसा हो
दरिया हो तो ऐसा हो सहरा हो तो ऐसा हो

पूरा गजल रेख्ता केर एहि लिंकपर पढ़ि सकैत छी https://www.rekhta.org/ghazals/dil-ishq-men-be-paayaan-saudaa-ho-to-aisaa-ho-ibn-e-insha-ghazals?lang=hi  एहि गजलकेँ आबिदा परवीनजीक अवाजमे निच्चा सुनि सकैत छी

(दिल इश्क़ में बे-पायाँ सौदा हो तो ऐसा हो)

इंशाजीक एहि गजलक रदीफ "हो तो ऐसा हो" केर प्रयोग स्वामी ब्रह्मानंद (जन्म 14 July 1944) अपन भजनमे केलथि। ई भजन एना अछि.......

राम दशरथ के घर के जन्मे घराना हो तो ऐसा हो
लोग दर्शन को चले आये सुहाना हो तो ऐसा हो 

बहुत गायक सुहाना केर बदला "लुभाना" केर प्रयोग केने छथि। ई स्वाभाविक छै जे लोककंठमे बसल गीतक शब्द कालखंडमे बदलि जाइत छै आ असल स्रोत धरि पहुँचबामे बहुत कष्ट होइत छै। ई गीत एहिठाम सुनू....... 


(राम दशरथ के घर के जन्मे घराना हो तो ऐसा हो)

बहुत ठाम ब्रह्मेनंदजीक नामसँ एहनो गीत चलैए.....

कृष्ण घर नंद के घर जन्मे दुलारा हो तो ऐसा हो
लोग दर्शन को चले आये सुहाना हो तो ऐसा हो

बहुत ठाम एहनो सुनबा लेल भेटल..........

सदा शिव शंभु वरदाता दिगंबर हो तो ऐसा हो
हर सब दुख भक्तन के दयाकर हो तो ऐसा हो

ई गीत निच्चा सूनि सकैत छी.......



(सदा शिव शंभु वरदाता दिगंबर हो तो ऐसा हो)

एहि रदीफसँ युक्त आर भर्सन सभ सुनबा लेल भेटि सकैए आ ई इब्नेजीक गजलक प्रभाव अछि। स्पष्ट अछि इंशाजीक गजल भजनपर बहुत बेसी प्रभाव छोड़लक।


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों