की कहू मोनमे किछु फूराइत नै अछि आइ काइल
ओकरा छोड़ि केओ सोहाइत नै अछि आइ काइल
मोहिनी रूप ओकर केलक नैना पर कोन जादू
चेहरा आब दोसर देखाइत नै अछि आइ काइल
नेह जहियासँ भेलै हेरा रहलै सुधि बुधि दिनोदिन
बात दुनियाक कोनो सोचाइत नै अछि आइ काइल
शब्द जे छल हमर लग पातीमे लिखि सब खर्च केलौं
भाव मोनक गजलमे बहराइत नै अछि आइ काइल
संग जिनगीक कुन्दन चाही ओकर सातो जनम धरि
निन्नमे आँखि आरो सपनाइत नै अछि आइ काइल
2122-1222-2222-2122
© कुन्दन कुमार कर्ण
www.kundanghazal.com
ओकरा छोड़ि केओ सोहाइत नै अछि आइ काइल
मोहिनी रूप ओकर केलक नैना पर कोन जादू
चेहरा आब दोसर देखाइत नै अछि आइ काइल
नेह जहियासँ भेलै हेरा रहलै सुधि बुधि दिनोदिन
बात दुनियाक कोनो सोचाइत नै अछि आइ काइल
शब्द जे छल हमर लग पातीमे लिखि सब खर्च केलौं
भाव मोनक गजलमे बहराइत नै अछि आइ काइल
संग जिनगीक कुन्दन चाही ओकर सातो जनम धरि
निन्नमे आँखि आरो सपनाइत नै अछि आइ काइल
2122-1222-2222-2122
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