बुधवार, 30 मई 2018

गजल-

की कहू मोनमे किछु फूराइत नै अछि आइ काइल
ओकरा छोड़ि केओ सोहाइत नै अछि आइ काइल

मोहिनी रूप ओकर केलक नैना पर कोन जादू
चेहरा आब दोसर देखाइत नै अछि आइ काइल

नेह जहियासँ भेलै हेरा रहलै सुधि बुधि दिनोदिन
बात दुनियाक कोनो सोचाइत नै अछि आइ काइल

शब्द जे छल हमर लग पातीमे लिखि सब खर्च केलौं
भाव मोनक गजलमे बहराइत नै अछि आइ काइल

संग जिनगीक कुन्दन चाही ओकर सातो जनम धरि
निन्नमे आँखि आरो सपनाइत नै अछि आइ काइल

2122-1222-2222-2122

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों