गुरुवार, 21 मई 2020

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-32

फिल्म: शिकारी (2000)
शाइर: समीर
गायक: कुमार सानु
संगीतकार: आदेश श्रीवास्तव
मुख्य कलाकारः गोविन्दा, करिशमा कपुर

बहर-ए-मुतकारिब मुसम्मन सालिम (122 x 4)

बहुत ख़ूबसूरत गज़ल लिख रहा हूँ
तुम्हे देखकर आजकल लिख रहा हूँ

मिले कब कहाँ, कितने लम्हे गुजारे
मैं गिन गिन के वो सारे पल लिख रहा हूँ

तुम्हारे जवां ख़ूबसूरत बदन को
तराशा हुआ इक महल लिख रहा हूँ

न पूछों मेरी बेकरारी का आलम
मैं रातों को करवट बदल लिख रहा हूँ

तक्तीअः

बहुत ख़ू / बसूरत / गज़ल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122
तुम्हे दे / खकर आ / जकल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122

मिले कब / कहाँ कित / ने लम्हे / गुजारे
122 / 122 / 122 / 122
मैं गिन गिन / के वो सा / रे पल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122

तुम्हारे / जवां ख़ू / बसूरत / बदन को
122 / 122 / 122 / 122
तराशा / हुआ इक / महल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122

न पूछों / मेरी बे / करारी / का आलम
122 / 122 / 122 / 122
मैं रातों / को करवट / बदल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों