शुक्रवार, 22 मई 2020

गजल

माथा छाती हाथो माछ
रसमे डूबल अधरो माछ 

देखू भेलै केहन भाग
पोखरि कूदै तरलो माछ

अगड़ा पिछड़ा चक्कर चालि
पोठी बनतै रहुओ माछ

अनकर पोखरि कत्ते आस
देलक धोखा अपनो माछ 

केहन केहन हेतै जाल
से सभ जानै नवको माछ

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों