सोमवार, 18 मई 2020

गजल

पूरा धरती नापल ओ
चुप्पे चुप्पे कानल ओ

सुर  लयकारी अनकर छै
अनके आशे नाचल ओ

सभटा माया हुनके छनि
चट हारल पट जीतल ओ

बिख माहुर ओ कीदन खा
कनियें कनियें बाँचल ओ 

बड़का दुख अनचिन्हारक 
चिन्हारक छै दागल ओ

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों