सीताराम झाजीक ई शेर अछि जाहिपर हमर संक्षिप्त विचार देखल जाए ---
अछि देशमे दुपाटी कङरेस ओ किसानक
हम माँझमे पड़ल छी बनि कै बिलाड़ि तीतल
जाहि गजलक ई शेर अछि तकर बहर अछि 2212+ 122+2212+ 122 ई शेर तहियाक अछि जहिया भाजपा नै रहै आ ओकर पितृसंगठन राजनीतिमे नै रहै। आइ केर समयमे किछु परिवर्तनक संग देश दुइए पार्टीसँ चलि रहल अछि। आ जनता ओही समय जकाँ एखनो भीजल बिलाड़ि बनल अछि। एहि आधारपर कहि सकैत छी जे सीताराम झाजी ई शेर कालजयी अछि आ अपना समयकेँ भेदन करैत एखुनको समय लेल प्रासंगिक बनल अछि। कतेको देशमे दुइए राजनीतिक दलकेँ मान्यता छै मुदा भारतमे कोनो सीमा नै मुदा प्रवृतिक हिसाबसँ देखी तँ भारतीय जनता सेहो दुइए पार्टीक अवधारणापर काज करैत अछि।
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