प्रस्तुत अछि योगानंद हीराजीक ई शेर आ एकरा उपर किछु हमर बात--
शूल सन बात ई
संसदे जेल अछि
जाहि गजलसँ ई शेर लेल गेल अछि तकर बहर 2122+12 अछि। एहि शेरमे संसदकेँ जेल कहल गेल छै मुदा संसदमे तँ नेता रहै छै। मुदा जँ नेता रहितै तखन फेर शाइर लेल शूल सन बात किए होइतै? किछु अलग बात छै। लगभग १९६० सँ भारतीय राजनीतिमे बाहुबली सभ दबदबा राखए लागल जे कि १९९० धरि अबैत-अबैत स्थायी भऽ गेलै एवं आब ई हाल छै जे नेता आ अपराधीमे कनो विशेष अंतर नै रहलै। आ जखन अंतर नहिए छै तखन तँ संसदे जेल हेतै मुदा ई साधारण जेल नै। ई एहन जेल अछि जाहिमे अपराधी अपन सजा अपने सुनाबै छै। हीराजीक ई शेर भारतीय राजनीति केर एक्स रे प्लेट अछि जाहिमे अहाँ साफ-साफ देखि सकैत छी जे भारतीय राजनीतिमे की भऽ रहल छै। मात्र सात-आठ शब्दमे साठ-सत्तर सालक बात कहि देब एहि शेरक विशेषता अछि आ सेहो बिना कोनो भयकेँ। मैथिली गजलक बहुत रास शेरमेसँ ई शेर अपन अलग स्थान राखैए।
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