बाहर बाहर जोड़ल भतार
भितरे भीतर टूटल भतार
छै मृगतृष्णा सन के विकास
इम्हर उम्हर दौड़ल भतार
इच्छा माने पूरा समान
किम्हर जेतै परिकल भतार
लेने हेतै सभटा हिसाब
चुप्पे रहि रहि कानल भतार
हमरा आने देलक समाद
अपने लोकक दागल भतार
सभ पाँतिमे 22-22-22-121 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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