बुधवार, 12 मई 2021

गजल

अपन औकात अनुरूपे विधाता ताकि लेने छी
तमाशामे तमाशा बनि तमाशा ताकि लेने छी

जते तकलहुँ तते भेटल जते भेटल तते छूटल
गरीबक माथपर टाँगल भरोसा ताकि लेने छी

बना दुनियाँ बसा दुनियाँ जहाँ चलि गेल छै दुनियाँ
तकर पूरा पता लीखल खजाना ताकि लेने छी

नुका राखत कते हमरासँ हमरा सामनेमे ओ
हजारक भीड़मे हुनकर इशारा ताकि लेने छी

मुकरि जेतै कियो कहियो बदलि जेतै कियो कहियो
अही कारणसँ हमहूँ ई सहारा ताकि लेने छी

सभ पाँतिमे 1222-1222-1222-1222 मात्राक्रम अछि। ई बहरे हजज मोसम्मन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।  

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों