अपन औकात अनुरूपे विधाता ताकि लेने छी
तमाशामे तमाशा बनि तमाशा ताकि लेने छी
जते तकलहुँ तते भेटल जते भेटल तते छूटल
गरीबक माथपर टाँगल भरोसा ताकि लेने छी
बना दुनियाँ बसा दुनियाँ जहाँ चलि गेल छै दुनियाँ
तकर पूरा पता लीखल खजाना ताकि लेने छी
नुका राखत कते हमरासँ हमरा सामनेमे ओ
हजारक भीड़मे हुनकर इशारा ताकि लेने छी
मुकरि जेतै कियो कहियो बदलि जेतै कियो कहियो
अही कारणसँ हमहूँ ई सहारा ताकि लेने छी
सभ पाँतिमे 1222-1222-1222-1222 मात्राक्रम अछि। ई बहरे हजज मोसम्मन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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