केलक खचरै मोक्ष मोह
सदिखन जनमै मोक्ष मोह
दोसर लोकक बात मानि
लड़ि कटि मरलै मोक्ष मोह
के छै साधक के असंत
खिस्सा सुनबै मोक्ष मोह
सभकेँ सभमे ओझरा कऽ
असगर रहलै मोक्ष मोह
निष्ठुर धर्मक राजनीति
फँसबे करतै मोक्ष मोह
सभ पाँतिमे 22-22-2-121 अछि। ई बहरे लोचन अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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