बुधवार, 19 मई 2021

गजल

केलक खचरै मोक्ष मोह
सदिखन जनमै मोक्ष मोह 

दोसर लोकक बात मानि
लड़ि कटि मरलै मोक्ष मोह
के छै साधक के असंत
खिस्सा सुनबै मोक्ष मोह

सभकेँ सभमे ओझरा कऽ असगर रहलै मोक्ष मोह

निष्ठुर धर्मक राजनीति फँसबे करतै मोक्ष मोह 

सभ पाँतिमे 22-22-2-121 अछि। ई बहरे लोचन अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों