हमरा शराब चाही मुदा आँखिसँ
कनियें हिसाब चाही मुदा आँखिसँ
गेंदा बहुत चमेली बहुत हमरा लग
तैयो गुलाब चाही मुदा आँखिसँ
बाजल बिला कऽ चलि जाइ छै अन्तह
तँइ सभ जबाब चाही मुदा आँखिसँ
मानल गजल पसरि गेल छै तैयो
गजलक किताब चाही मुदा आँखिसँ
हारल छलहुँ तँए मानि लेबै सभ
हमरा हियाब चाही मुदा आँखिसँ
सभ पाँतिमे 2212+122+1222 मात्राक्रम अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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