रविवार, 9 नवंबर 2014

गजल



कमसँ कम एकौटा फूल दे गे मलिनियाँ
नीक नै अपने समतूल दे गे मलिनियाँ

राखि ले गेंदा बेली चमेली गुलाबो
बस हमर कोंढ़ी अड़हूल दे गे मलिनियाँ

घाटपर बैसल हम बाट जोहै छी तोहर
थरथराइत देहक पूल दे गे मलिनियाँ

राहु शनि मंगल बुध केतु वशमे मुदा तों
प्रेम सनकेँ ग्रह अनुकूल दे गे मलिनियाँ

आम संगे महुआ महुआ संग आमे टा झूलै
एहने सन झूलाझूल दे गे मलिनियाँ

सभ पाँतिमे 2122+222+122+122 मात्राक्रम अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों