रविवार, 23 नवंबर 2014

गजल

की जिनगीमे आउ की दूर जाउ
बिनु मतलबकेँ राति दिन नै सताउ

बोली मिठगर सन अहाँ बाजि फेर
हमरा प्रेमक जालमे नै फँसाउ

आगूमे देखाक मुस्की अपार
पाछूमे सदिखन छुरा नै चलाउ

सुच्चा अछि जँ प्रेम साँचे अहाँक
सब किछु बुझि हमरे हियामे सजाउ

राखू नित कुन्दन जँका शुद्ध मोन
बस झूठक कखनो हँसी नै हँसाउ

मात्राक्रम : 2222-21-221-21

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों