शुक्रवार, 7 नवंबर 2014

गजल

बाल गजल

गेलै उक्पाती बुढ़िया बाड़ीमे
लगले रहलै तेल हुनक लाठीमे

हमरा लोकनि फैलसँ कड़ुगर झँसगर
बड़ सनगर भक्का खेलहुँ गाछीमे

चोरक हल्ला सुनलहुँ सभहँक मूँहे
ताला आनि लगा देलहुँ काँपीमे

बथुआ खुब्बे नीक लगैए तैयो
धेआन हमर बसिया खेसारीमे

हमरा हेलब चुभकब नीक लगैए
पोखरिमे नालामे की नालीमे

सभ पाँतिमे 222+222+222+2 मात्राक्रम अछि
दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों