कुमारि
इच्छा
(गजल संग्रह)
आशीष
अनचिन्हार
हमर गजल
विशुद्ध रूपसँ पाठकक मनोरंजन लेल अछि। जँ कोनो पाठक हमर एहि मनोरंजनात्मक रचनामेसँ
किछु ज्ञान-बुद्धि, किछु क्रांति, जीवन सुधारबाक किछु सूत्र ताकि लै छथि तँ ई हमर रचनाक
सौभाग्य हएत।
समर्पण
सिरजनहारकेँ
अनचिन्हारक बात
प्रस्तुत गजल संग्रह हमर तेसर गजल संग्रह अछि। पहिल संग्रह 2011 मे आएल, दोसर बर्ख 2020 मे। ई संग्रह 2021 मे सार्वजनिक भऽ रहल अछि। तीनू गजल संग्रहक संरचनामे बहुत अंतर छै। पहिल संग्रह "अनचिन्हार आखर" केर भूमिकामे हम लिखने रही जे मैथिली गजल तीन चरणमे पूरा हएत। पहिल सरल वार्णिक बहर (जे कि मात्र शुरुआती अभ्यास लेल छलै), दोसर वर्णिक बहर जाहिमे कोनो नव मात्राक्रम लऽ कऽ पूरा गजल ओहिपर लिखल जाए आ तेसर चरणमे उर्दू-फारसीमे स्थापित बहरपर लिखल जाएत। जँ हम एहि स्थापनाकेँ अपने तीन गजल संग्रहपर बैसा कऽ देखी तँ हमर गजलमे बेसी नै बस 2-3 % केर विकास बुझाइए। हमर पहिल गजल संग्रह पूर्णतः सरल वार्णिक बहरपर अछि। सरल वार्णिक बहर गजलक बहर नै छै मुदा वर्णिक बहर दिस उत्प्रेरित करबामे बहुत सहायक छै। हमर दोसर गजल संग्रह "जंघाजोड़ी" मे वार्णिक बहरक प्रधानता अछि मने अपना मोने कोनो एकटा मात्राक्रम लऽ कऽ ओहिपर पूरा गजल लिखलहुँ। कोनो भाषामे गजलकेँ स्थापित करबाक लेल वस्तुतः इएह पद्धति सही छै। एही पद्धतिसँ जँ बहुत गजल लिखेतै तखन जा कऽ मैथिली गजलक अपन खाँटी बहर भेटतै। ओना किछु गोटे एहि पद्धतिक ई कहि विरोध करै छथि जे गजल खाली उर्दूक लोकप्रिय बहरमे लिखबाक चाही मुदा हमरा जनैत ओ सभ गजलक दुश्मन छथि। किएक दुश्मन छथि से जनबाक लेल फारसीसँ उर्दूमे आएल बहर एवं ओकर हाल देखए पड़तनि। ईहो देखए पड़तनि जे कोना उर्दू अपन बहर स्थापित केलकै। किछु मैथिल जे हिंदी वा उर्दू मिश्रित देवनागरी लिपिमे गजल लिखै छथि हुनका सेहो ई गलत बुझाइत छनि। मुदा हुनका ई गलते बुझेतनि कारण हुनका बनल-बनाएल बाट भेटल छनि आ तहीपर ओ चलि रहल छथि (मुदा जतेक प्रश्न ओ मैथिली लेल करै छथि तते सवाल ओ उर्दू गजलक विषमतापर नै कऽ पबै छथि कारण ने नवताक ऊहि छनि आ ने हिंदी-उर्दू गजल मे हुनक पूछ छनि)। एहि गजल संग्रहक आधा गजल बहरे मीरपर लिखल गेल अछि जे मात्र सिखबाक शुरूआती दौरमे कोनो शाइर लेल सुविधाजनक रहैत छै। किछु गजल उर्दूक लोकप्रिय बहरपर लिखल गेल अछि आ शेष स्वतंत्र बहरपर।
अइ संग्रहमे किछु एहनो स्वतंत्र बहर अछि जे पूर्णतः मैथिलीक अनुकूल अछि आ ओकर नाम देबाक जरूरति छै। मुदा नाम देबासँ पहिने ई हम स्पष्ट रूपे कहि दी जे संस्कृतक छंद वा उर्दूक मुजाइफ बहरक अतेक नमहर नियम छै जे हमरा द्वारा देल गेल मात्राक्रम केर नाम सेहो हेबे टा करतै आ से हमरा पता नै अछि मुदा हमर जतेक अध्य्यन अछि (जतबे हो) ताहिमे एहन मात्राक्रम हमरा नै भेटल तँइ हम एकरा सभकेँ चुनलहुँ नव नाम लेल। आब नाम केर आधार। प्राचीन कालमे छंदक नाम ओकर ध्वनिक प्रकृतिसँ होइत छलै मुदा हम अतेक प्रतिभाशाली नै छी जे छंदक ध्वनिपर काज कऽ सकी। दोसर बात ईहो जे जनताक पाइसँ बनल कोनो सरकारी चीजक नाम जँ नेतापर भऽ सकैए तँ ई बहर-छंद हमर अपन अछि आ हम अपन भाषाक साहित्य वा साहित्यकारक नामपर बहर-छंदक नाम किएक ने राखब। तँ हम जे निच्चा मात्राक्रम केर नाम देब से मैथिली साहित्यसँ जुड़ल नाम देब। किछु लोककेँ ई अनसोहांत लागि सकैत छनि। हुनका हम सुझाव देबनि जे ओ नव मात्राक्रम निकालथि आ ओकर नव नाम देथि।
रुक्न 2221 (कतौ-कतौ एकर रूप 11221 सेहो भेटैए) केर मूल बहरमे प्रयोग नै छै मुदा मैथिलीमे एहन संरचना एकर शुरूआत चारि-पाँच (बेसियो) दीर्घसँ हो आ अंतमे लघु हो से मैथिली ध्वनि अनुकूल अछि जेना 22-22-22-22-21 वा 22-22-22-22-22-1 आ एहिने शुरूआती दीर्घ कतबो भऽ सकैए (मुदा सुविधा लेल 13-15 टा दीर्घ आ एकटा लघु बेसी नीक हेतै)। उदाहरण लेल राजीवरंजन झा केर लिखल ई गजल देखू-
उज्जर पटमे झाँपल लोक
फरहर गरहल गाँथल लोक
गुम्मा घुमरय मोने मोन
स्वारथमे किछु माँतल लोक
एहि मतलाक दूनू पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम छै। बादक शेरमे सेहो इएह मात्राक्रम अछि। पूरा गजल पढ़बाक लेल अहाँ सभ राजीव रंजनजीक फेसबुक सर्च कऽ सकैत छी। कोनो गजलमे 8 टा दीर्घ तखन लघु वा आन संख्याक दीर्घ आ तखन लघु आबि सकैए। मुदा मोन राखू ई आने बहर जकाँ बहर हेतै आ एहिमे दू लघुकेँ जोड़ि कऽ दीर्घ बनेबाक छूट एहिमे नै संभव छै। मने दीर्घे टा चाही। आ एहि संरचना बला बहरक नाम हम देलहुँ “बहरे विदेह”। मैथिली गजलमे विदेह (http://videha.co.in) पत्रिकाक महत्वपूर्ण स्थान छै। विदेह पत्रिका निश्चित तौरपर संपूर्ण मिथिला (दूनू पार) केर प्रतिनिधित्व करैए संगे-संग मिथिलाक नामो विदेह छै। हम एहि बहरक नामाकरण एही विदेह पत्रिकाक नामपर केलहुँ अछि। कियो पूछि सकै छथि जे एहिमे संख्यावाची शब्द मोरब्बा आदि जोड़ि सकै छियै वा कि नै? जोड़बामे कोनो दिक्कत मुदा जँ दीर्घक संख्या कतबो हो नाम एकै रहै तँ कोन दिक्कत। ओना संख्यावाची शब्द जोड़बामे हमरा दिक्कत नै मुदा ओहन स्थितिमे एकरा उन्टा गानए पड़त जेना 2221 ई तँ स्थायी छै आ एकरा पहिने कतेक दीर्घ छै ताहि हिसाबसँ संख्यावाची शब्द जोड़ि दियौ जेना 2-2221 , 22-2221 , 222-2221 , 2222-2221..............। उम्मेद अछि जे भविष्य लेल ई नीक रस्ता देत। ई बहरे विदेह केर उदाहरण हमर एहि संग्रहमे बहुत भेटत मुदा ओहिमे ई नाम नै देल छै। भविष्य तय करतै जे ई बहर मैथिली गजल लेल केहन हेतै। ओना कियो ईहो पूछि सकै छथि जे एहिमे गजलक छूट लागू हेतै कि नै। हम कहब जे एहि मात्राक्रम पूरा सौंदर्य अंतिम लघुपर टीकल छै मुदा जँ छूट लेबहे पड़ए तँ मतला छोड़ि आन शेरक पहिल पाँतिक अंतमे लेल जा सकैए। माने मतला छोड़ि आन शेरक पहिल पाँति केर अंतमे जँ लघु बदला दीर्घ आबि रहल हो तँ ओकरा लघु मानि सकै छी मुदा फेर कहब एहि मात्राक्रम केर पूरा सौंदर्य अंतिम लघुपर टीकल छै। आब मानि लिअ जे जँ बहरे विदेहक ठीक उल्टा हो तँ की करबै मने शुरूमे लघु आ अंतमे दीर्घे-दीर्घ जेना 1-22-22-22-22 वा एहने सन आन संरचना। एहन मात्राक्रम लेल हम “बहरे गोविन्द” प्रस्तावित कऽ रहल छी जे कि आधुनिक मैथिलीक व्याकरणाचार्य पं.गोविन्द झाजीक नामपर अछि। साधारण जन लेल हिनका द्वारा मैथिली व्याकरण लेल जे काज कएल गेल ताहि लेल हम हिनक नाम प्रस्तावित केलहुँ अछि। जँ कियो संख्यावाची शब्द जोड़ए चाहै छथि से जोड़ि सकै छथि मुदा शुरू केर 1222 छोड़ि कऽ गानए पड़तनि। छूटक संदर्भमे इएह कहब जे एहि मात्राक्रम पूरा सौंदर्य पहिले लघुपर छै तथापि आपतकालमे लऽ सकै छी।एहि मात्राक्रमपर गजल कहब एखन बाँकी अछि वा कतहुँ हेतै तँ हमर नजरिसँ छूटल हएत।
जँ कोनो मात्राक्रमक शुरूमे दीर्घे-दीर्घ हो आ अंत लघु-दीर्घ-लघुसँ हो (22-22-22-22-121 वा एहने सन) तँ एहन क्रमक नाम हम “बहरे लोचन” देलहुँ अछि जे कि रामलोचन ठाकुरजीक (प्रखर मिथिलावादी ओ स्वाभिमानी साहित्यकार ओ हमर साहित्यिक गुरूकेँ) केर नामपर अछि। प्रस्तुत गजल संग्रह एकटा गजल एहि क्रममे अछि--
बाहर बाहर जोड़ल भतार
भितरे भीतर टूटल भतार
(22-22-22-121)
एहिमे दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ नै मानि सकै छी। मने दीर्घे टा चाही। रहल आन छूटक बात तँ फेर कहब जे मूल सौंदर्य जतेक बचए ततेक नीक।
बहरे खफीफ मुसद्दस मखबून (फाइलातुन मुफाइलुन फेलुन) केर मात्राक्रम 2122 1212 22 अछि मुदा जँ गौरसँ देखबै तँ ई 212-212-1222 रूपमे सेहो छै। हम एहि संशोधित मात्राक्रम 212-212-1222 केर नाम “बहरे प्रदीप” राखि रहल छी जे कि मैथिलीक महान गीतकार मैथिलीपुत्र प्रदीप जीक नामपर हम प्रस्तावित केलहुँ अछि। एहि मात्राक्रममे लिखल अमित मिश्र केर लिखल ई गजल देखू-
राति चन्ना उगल छलै की ने
घोघ हुनकर उठल छलै की ने
देश भरिमे सुखार पैसल छै
झील नैनक भरल छलै की ने
(212-212-1222 )
राजीवरंजन मिश्रजीक किछु गजल सेहो एहि बहरमे अछि जाहिमेसँ एकटा ई अछि—
बड़ मिजाजी मनुख कथिक काबिल
बिनु मिजाजो मुदा क्षणिक काबिल
बात मानल कहल सुनल लोकक
हैत सेहो कनी कनिक काबिल
रुक्न 2221 केर मूल स्वरूपक गजल हमरा देखबामे नै भेटल मुदा ई रुक्न मैथिलीक अनुरूप अछि। हम एहि रुक्नसँ बनल बहरक नाम "बहरे रूप" राखि रहल छी जे कि प्रख्यात व्यंग्यकार रूपकांत ठाकुरजीक नामपर अछि। हरिमोहन झाजीक बाद मैथिलीक सुच्चा व्यंग्यकार रूपकांतजी छलाह मुदा मैथिल अपन स्वभावक अनुरूपे हिनका बिसरि गेल। संख्यावाची शब्द सेहो जुड़ि कऽ नव नव मात्राक्रम जेना कि 2221-2221 वा 2221-2221-2221 ......... बनैत चलि जेतै। जे वैधानिक छूट छै सेहो लागू हेतै मुदा मूल स्वरूपक गजल नीक। एहि मात्राक्रमपर गजल कहब शेष अछि।
एहिठाम नाम तँ हम प्रस्तावित केलहुँ मुदा प्रश्न ई उठैए जे कि ई पाँचो बहर लोकप्रिय हेतै? हम कहब जे ई उत्तर हमरा लोकनि छोड़ि दी। हमर सभहक काज अछि एहिपर लीखब। आनो भाषामे नव बहर तकेलै ओहिपर लिखेलै ताहिमेसँ किछु लोकप्रिय भेलै आ किछु नै भेलै। तँइ ई सभ भविष्यपर छोड़ी।
बहुत लोककेँ ई आश्चर्य लगतनि जे हम जतेक नाम देलहुँ ताहिमे विदेह (प्रकाशन) आ पं गोविन्द झा जी (व्याकरण) छोड़ि आनक कोनो योगदान गजल लेल नै छनि मुदा जिनकर योगदान गजल लेल छनि जेना पं.जीवन झा, कविवर सीताराम झा छनि हुनकर नाम हम कएक ने देलियनि। तँ हमर सीधा मानब अछि जे पं.जीवन झा, कविवर सीताराम झा आदिक गजलक सम्मान मात्र नाम देने नै बल्कि गजल विधामे लगातार विकास, विश्वविद्यालयमे ओकर स्थान, BPSC ओ UPSC मे गजलक स्थान भेटने हेतनि आ हिनकर सम्मान लेल हम इएह टार्गेट रखने छी।
बिना भाव, बिना लय, बिना कोनो प्रयोगक मुदा छंदयुक्त हमर गजल संग्रह "कुमारि इच्छा" अहाँ सभहक हाथमे अछि आ अहाँ सभ के पढ़िते देरी एहि गजलमे भाव ओ लय आबि जेतै से हमर विश्वास अछि। भाव ओ लय अनुभवक नाम छै आ हमरा अपन अनुभव संगे-संग अहाँक अनुभवपर पूरा विश्वास अछि। एहि संग्रहक कोनो प्रकारक गलती हमरे अछि आ से निधोघ अहाँ सुझाव देबै से उम्मेद अछि। हमर आने संग्रह जकाँ एहू संग्रहमे मात्राक्रमक निर्धारण संस्कृते जकाँ भेल अछि। माने जँ कोनो अलग शब्दक अंतमे लघु छै आ तकर बाद कोनो संयुक्त वर्ण छै तँ पहिल शब्दक अंतिम लघु दीर्घ हेतै, न्ह, म्ह, ल्ह आदिक पहिने बला लघु वर्ण सेहो दीर्घे हेतै आदि। विस्तारसँ देखबाक लेल हमर "मैथिली गजलक व्याकरण ओ इतिहास' देखल जा सकैए।
आशीष अनचिन्हार
1
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। एहि मात्राक्रमक कोनो नाम नै देल गेल अछि। बहुत संभव जे मुजाइफ बहरक कोनो लक्षण मीलि जाए मुदा जेना कि हम बेर-बेर कहैत छी जे गजलमे एहरेक पाँतिक मात्राक्रम एक समान हेबाक चाही आ जँ ओ लोकक जीहपर चढ़तै तँ ओकर नाम पड़ि जेतै आ से मैथिलीएमे नै हरेक भाषामे होइत छै।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
अपना सन नै लागल अनचिन्हार
रचनामे कनियों नै रहलै धाह
सुविधा रसमे डूबल अनचिन्हार
बहुते बाजल लेकिन काजक बेर
नाँगरि सुटका भागल अनचिन्हार
पक्का हेतै ई चिन्हारक काज
सभ पाँतिमे 222-222-222-1 मात्राक्रम अछि।
हुनका आगू कोनो मुद्दा नै बँचलै
कुर्सी टेबुल चप्पल जुत्ता नै बँचलै
जिनका आगू राखल छै खाली आँठी
तिनका आगू रसगर गुद्दा नै बँचलै
सभ भऽ गेलै अपना मोने साधू संत
अइ संसारमे कियो लुच्चा नै बँचलै
हेहर कहियौ थेत्थर कहियौ या किच्छो
ई सच सभ दिन बँचलै सत्ता नै बँचलै
भूखसँ जो़ड़ल समान एलै बजारमे
महँगा नै बँचलै आ सस्ता नै बँचलै
सभ पाँतिमे मात्राक्रम 222-222-222-22 अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
चास नै छै बास नै छै गाम नै छै
वस्तु नै छै वास्तु नै छै दाम नै छै
आबि बैसल मोनमे अपने हिसाबें
नेह नै छै सोह नै छै काम नै छै
बस खुशीमे अंग बूझू संग बूझू
आ दुखीमे काज नै छै नाम नै छै
देशमे रावण कुम्भकर्णो मेघनादो
केसरी नै लाल लक्ष्मण राम नै छै
सर्द इच्छा भाव सर्दे सर्द भेटल
चाह नै छै धाह नै छै घाम नै छै
सभ पाँतिमे 2122-2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोसद्दस सालिम)।
छिड़िआ गेल छलहुँ हम बहुते
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2212-112 मात्राक्रम अछि।चारिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबा छूट लेल गेल अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। "मिलजुल मन" हिंदीक एकटा प्रसिद्ध पोथीक नाम सेहो छै। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
बोझ परहक आँटी सनक ई शेर--
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
सभ पाँतिमे 222-222-22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
संस्था छै अपने जूरी मिश्रा
केकरो दोस्ती नै टूटै मुदा
सभ पाँतिमे मात्राक्रम 222-222-222 अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2122-22-121 मात्राक्रम अछि।
सभटा सुविधा सरकारी राम हरे
खाली हुनके सरदारी राम हरे
रिपोर्टिंग रहलै जारी राम हरे
उजड़ल पूरा फुलवारी राम हरे
अपने थारी घिउढ़ारी राम हरे
बच्चा भेलै संस्कारी राम हरे
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। राम हरे पदक प्रयोग भजन सभसँ लेल गेल अछि।
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
हँसी हुनकर दुखमोचन हो राम
नमरी बड़ हल्लुक छै से कहलक
सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-121 मात्राक्रम अछि।
निशानापर बूढ़ संगे बच्चा छै
देशमे आब युवा केर सत्ता छै
दर्दक अनुभव होइतो नोर रोकब
ईहो एक तरहँक गर्भहत्या छै
सत्य हुनकर ठोरक चुप्पी जगतमे
बाद बाँकी बात मिथ्ये मिथ्या छै
केकरो हाथमे खाली डिब्बा छै
लोहा के हो प्लास्टिक के या काठक
कोनो कुर्सी अपनामे सत्ता छै
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
मनोबल मनोरम बना देत पक्का
मनोकामना सभ पुरा देत पक्का
नियम ई सदा मोन राखब अहाँ हम
अपेक्षा उपेक्षित बना देत निश्चित
कते रोकि रखतै कते दाबि सकतै
बहल नोर दुनियाँ जरा देत पक्का
कनी आचरण ठीक रखबै तँ अनुभव
गजल नीक सुंदर कहा देत पक्का
विसर्जन कऽ जल्दी भसा देत पक्का
सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि (बहरे मुतकारिब मोसम्मन (चारि) मोसम्मन सालिम वा बहरे मुतकारिब सालिम अठरुक्नी)।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2122-122 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
अपने जरलै अनचिन्हार अनचिन्हार
मिझा कऽ चमकै अनचिन्हार अनचिन्हार
पूरा जीवन आमने सामने रहितो
दुन्नू रहलै अनचिन्हार अनचिन्हार
हमर आँखिमे हुनकर आँखि गुणा करियौ
तखने हेतै अनचिन्हार अनचिन्हार
सर्किल कतबो बड़का हो मुदा बिन पाइ
दुनियाँ कहतै अनचिन्हार अनचिन्हार
दर्दक छतपर असगर असगर चुप्पे चुप
खुब्बे टहलै अनचिन्हार अनचिन्हार
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। "धर्मी डूबल बिच्चे धार" ई पाँति कबीरक एक पदसँ प्रेरित अछि।
किछु भेटत तकरे प्रत्याशामे
अपने सच्चा अनका झुट्ठा कहि
सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 122-122-122 मात्राक्रम अछि (बहरे मुतकारिब मोसद्दस (तीन) सालिम वा बहरे मुतकारिब सालिम छहरुक्नी)।
सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानि लेबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
घड़ी दू घड़ी जे बिता गेल भमरा
बहुत बात हमरा सिखा गेल भमरा
गमक लीखि देबै मधुर रस परागो
जदी गाछ फूलक पटा गेल भमरा
निमाहब कठिन छै हलाहल समाने
अपन आन खातिर बिका गेल भमरा
हमर टीस लेलक अपन टीस देलक
तकर बाद किम्हर नुका गेल भमरा
रहै दाग पुरना मुदा दर्द नवके
हवन कुंड लग सकपका गेल भमरा
सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि (बहरे मुतकारिब मोसम्मन (चारि सालिम वा बहरे मुतकारिब सालिम अठरुक्नी)। यदि=जदि केर उच्चारण रूप जदी लेल गेल अछि। वर्तनी रूपमे ‘यदि’ सही छै।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-2221 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। "रघुपति राघव राजाराम" लक्ष्मणाचार्य रचित "श्री नम: रामायणम्" केर अंश अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
हुनक कहब छनि जे ई सभ हमरे
दशा दिशा के तय करत अहि ठाँ
सभ पाँतिमे मात्राक्रम 12-1222-1222 अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2221-222 मात्राक्रम अछि।
छै प्रवृति मनुक्खक कुक्कुर सन
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 1222-2221 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
घुमा फिरा कऽ पहिल बलिदान लेल
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि। (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
दिनका खिस्सा लत्तम जुत्तम
खत्ता खुत्ती गड्ढ़े गुड्ढ़म
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2212-1222 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि। (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
सभ पाँतिमे 22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे मात्राक्रम 22-22-212 अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।
बनि ठनि रचि रचि कऽ सिंगार केलक ओ
हमर सारापर पिकनिक मनेलक ओ
गरीबक हिस्सा खेलक पचेलक ओ
चलब नियति छै जीवन केर ई कहि कऽ
पहिने बनेने छल बम गोली मुदा
अनचिन्हारे सन कठकरेज बुझलक
तँइ उदास खिस्सा हँसि कऽ सुनेलक ओ
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
की नै भेलै राजाजी के राजमे
चतरल पसरल घनगर हरियर गाछ सभ
बड़ मुरझेलै राजाजी के राजमे
पातर गहुमन धामन आरो साँप सभ
बड़ मोटेलै राजाजी के राजमे
जे चौपेतल चुनरी छातीपर रहै
से उधिएलै राजाजी के राजमे
नीरो बनि गेलै चूनल सरकार आ
बंसी टेरै राजाजी के राजमे
सभ पाँतिमे 22-22-2- 22-212 मात्राक्रम अछि।
हेतै किछु ने किछु कारण तँइ
ठेहुन धरि छै निहुरल सिनेह
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे मात्राक्रम 2212-2212 अछि (बहरे रजज मोरब्बा (दू) सालिम वा बहरे रजज सालिम चारिरुक्नी)।
पहिने मिठाइ फेर मिरचाइ भेलै
चीन्हल जानल लोक हरजाइ भेलै
पहिले दीनमे सजा सुना देलकै
तारीखसँ नीक जे सुनवाइ भेलै
जेहन मूँह देखै तेहने रचि दै
अपने घर आँगन अपने दुआरिपर
बहुत मस्ती बहुते पहुनाइ भेलै
चलि जाइत रहलै अनचिन्हार बनि कऽ
कहियौ एहन कोन अगुताइ भेलै
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। दिन केर उच्चारण रूप दीन लेल गेल अछि। वर्तनी रूपमे दिन सही छै।
सभ पाँतिमे 212-122-2122 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)।
नाम हुनका लग लिखा गेल हमरो
दाम अपने हम लगेलहुँ अते कम
जे अपन जीवन लिया गेल हमरो
भेल छल शुरुए शुरूमे तते जे
रंग हुनकर देखि दुनियों कहल आ
के रहत के नै रहत से कहत के
सभ पाँतिमे 2122-2122-122 मात्राक्रम अछि।
छै अमीरक दिक्कत हीरा सोन दिक्कत
आ गरीबक दिक्कत माँड़े नोन दिक्कत
कोना पुरतै सिंदूर सभ इच्छा लेल
रहतै किछु इच्छा कुमारि तँ कोन दिक्कत
हमहूँ मानि लेलहुँ ओहो मानि लेलक
अइ दुनियाँमे देह दिक्कत मोन दिक्कत
किनको खातिर ई कर्जो भेलै तगमा
किनको खातिर सबूत बला लोन दिक्कत
बिना जनने बिना बुझने उल्टा प्रभाव छै
तांत्रिक सभ लग जोग दिक्कत टोन दिक्कत
सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-212 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 212-2122-212 मात्राक्रम अछि।
सत्ता के मातल नेता एलै दुआर हे
दुखमे ई झड़कल जनता फोड़ल कपार हे
रचनामे साधु छै जीवनमे किछु आर हे
एहनकेँ माने बुझियौ बड़का छिनार हे
नोरे छै कोसी कमला गंगा किनार हे
नोरेमे घोरल गेलै सिंदुर पिठार हे
आँगनमे रेखा पड़तै भेलै विचार हे
अपने के केलक पहिने अपने शिकार हे
मुद्दा तँ लीखै तेना जेना सरकार हे
सरकारक आगू भेलै बंदे बकार हे
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। ई गजल लोकधुनपर आधारित अछि।
सभ पाँतिमे 2212-2122 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
ई बात बुझले रहै ई बात जनले रहै
जे दुश्मनक भीड़मे किछु लोक अपने रहै
आएल जहिया जखन आँगन अचानक कियो
किछु नोर पोछल रहै किछु नोर बचले रहै
मजबूर जीहो रहल मजबूर ठोरो रहल
किछु बात संगे रहै किछु बात अलगे रहै
ईहो तमाशा बहुत भेलै हमर देशमे
किछु लोक जागल रहै किछु लोक सुतले रहै
खरिहानमे खेतमे आँगन दलानो बुझू
किछु जीह कटले रहै किछु मूँह दबले रहै
सभ पाँतिमे 2212-212-2212-212 मात्राक्रम अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
अहूँ देखियौ आइ औकात हुनकर
रहै भूख हमरे मुदा भात हुनकर
कहीं ने कहीं छै बहुत गैप अर्थक
उधेसल पुधेसल कते बात हुनकर
जमीने कहै छै कहानी मनुक्खक
सहीमे अलग छै अबरजात हुनकर
धरापर गगनमे जगह छेकि बैसल
छलनि बीच जिनकर छलनि कात हुनकर
अहो भाग्य जे पंच देखल अहीं सन
छलै गाछ हिनकर रहै पात हुनकर
सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि आ ई बहरे मुतकारिब मुस्समन सालिम अछि।
कोने रंग सुख की कोने रंग बेदन रे
ललना रे कोने रंगक लोकक जीवन रे
सत्ता चाहै लंपट लंगट बंगट संकट
ललना रे ईहो अजगर लपटल चंदन रे
स्वर्गक इच्छा रखने नरके भेटल हमरा
ललना रे किछु नै रखने कटलै बंधन रे
अमीरक बच्चा रहलै तीसो साल बच्चा
ललना रे गरीब छनमे भेलै चेतन रे
किम्हर जेतै घर आ किम्हर जेतै आँगन
ललना रे केने रहलै खटपट बरतन रे
सभ पाँतिमे 222-222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
जमीन खा गेलै अकास खा गेलै
जहर मिला सभहक मिठास खा गेलै
कनी मनी रहितै तँ मानितहुँ नीके
बहुत निचलकाकेँ उँचास खा गेलै
जहाँ तहाँ काँटे जहाँ तहाँ महके
अहीं कहू के सभ सुवास खा गेलै
कहाँ कियो कहलक कहाँ कियो बुझलक
विकास देलक आ हुलास खा गेलै
अवास खा गेलै गरीब गुरबा के
अचल सचल राजित निवास खा गेलै
सभ पाँतिमे 12-1222-12-1222 मात्राक्रम छै। निच्चाक शेर हमर अवचेतन मोनमे छल मुदा आभास होइए जे कोनो टीभी शो केर प्रभाव छै एहि शेरपर।
बनल रही मिरचाइ हम बहुत कड़ुगर
मिला कऽ मुरहीमे झकास खा गेलै
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
बुढ़ियो निकलत बुढ़बो निकलत
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
खेतक उपजा पैकार लेने जाइए
जे बाँचल से सरदार लेने जाइए
देहक कांति चलि गेलै पेटक आगिमे
कलमक धार पुरस्कार लेने जाइए
एनाइ गेनाइ खाली हाथ मुदा किछु
लोक चितापर आभार लेने जाइए
जतबे सुलभ भेलै समाधान अइठाम
घुरछी ततबे विस्तार लेने जाइए
बिन सोंगर दुब्बर बूझै छै अपनाकेँ
तँइ जहाँ तहाँ दरबार लेने जाइए
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
इम्हर उम्हर जिम्हर तिम्हर
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
सुन्ना पाछू सुन्ने सुन्ना
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। एकरा बहरे मीर कहल जाइत छै।
सभ पाँतिमे 22-22-2122 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि।
आशीष अनचिन्हार
मूल नाम--आशीष कुमार मिश्र
माता--श्रीमती गम्भीरा मिश्र
पिता- स्व. कृष्ण चंद्र मिश्र
गाम--भटरा घाट (बिस्फी)
जन्म--4/12/1985
मैथिली गजल एवं शेरो-शाइरीपर केंद्रित इंटरनेट पत्रिका (ब्लाग
रूपमे) “अनचिन्हार आखर” http://anchinharakharkolkata.blogspot.com/ केर संस्थापक ओ संपादक।
प्रकाशित कृति---
1) अनचिन्हार आखर (गजल,
रुबाइ ओ कता संग्रह)
2) मैथिली गजलक व्याकरण ओ इतिहास (ई भर्सन प्रकाशित)
3) मैथिली वेब पत्रकारिताक इतिहास (ई भर्सन प्रकाशित)
4) जंघाजोड़ी (गजल संग्रह, ई भर्सन प्रकाशित)
5) मैथिली गजलक Ready Reckoner (मैथिली गजल व्याकरणक संक्षिप्त
रूप, ई भर्सन प्रकाशित)
संपादित पोथी-
1) स्वतंत्रचेता (अरविन्द ठाकुर: व्यक्तित्व-कृतित्व, विदेहक
अरविन्द ठाकुर विशेषांक केर संशोधित रूप, बर्ख-2020 शशि प्रकाशन, कालिकापुर, सुपौल)
श्री गजेन्द्र ठाकुरजीक संगे सह-संपादित पोथी
1) मैथिली गजल: आगमन ओ प्रस्थान बिंदु (गजलक आलोचना-समालोचना-समीक्षा),
ई-भर्सन प्रकाशित
2) मैथिलीक प्रतिनिधि गजल (1905सँ 2016 धरि), ई-भर्सन प्रकाशित
सम्मान--
बर्ख 2014 लेल विदेह भाषा सम्मान (समानान्तर साहित्य अकादेमी
सम्मान)सँ पोथी “अनचिन्हार आखर” (गजल संग्रह)
लेल सम्मानित।
मेल - ashish.anchinhar@gmail.com