घरक सिमान जखन फानल हेतै
धिया हियासँ कते कानल हेतै
सुनर शरीर छलै गुदरी साटल
कुपात्र आँखि कतौ मानल हेतै
उदरसँ आगि उठल हेतै जहिया
टघार नोरक ओ सानल हेतै
शिकार लेल शिकारी चललै यदि
जरूर जाल कतौ तानल हेतै
वियाह होइ बला टूटल निश्चित
गरीब पाइ जँ नै गानल हेतै
1212 112 2222
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