शनिवार, 18 अप्रैल 2020

आशीष अनचिन्हारक सभ गजल एकैठाम (2)

कुमारि इच्छा

(गजल संग्रह)

आशीष अनचिन्हार

हमर गजल विशुद्ध रूपसँ पाठकक मनोरंजन लेल अछि। जँ कोनो पाठक हमर एहि मनोरंजनात्मक रचनामेसँ किछु ज्ञान-बुद्धि, किछु क्रांति, जीवन सुधारबाक किछु सूत्र ताकि लै छथि तँ ई हमर रचनाक सौभाग्य हएत।

समर्पण

सिरजनहारकेँ

 अनचिन्हारक बात


प्रस्तुत गजल संग्रह हमर तेसर गजल संग्रह अछि। पहिल संग्रह 2011 मे आएल, दोसर बर्ख 2020 मे। ई संग्रह 2021 मे सार्वजनिक भऽ रहल अछि। तीनू गजल संग्रहक संरचनामे बहुत अंतर छै। पहिल संग्रह "अनचिन्हार आखर" केर भूमिकामे हम लिखने रही जे मैथिली गजल तीन चरणमे पूरा हएत। पहिल सरल वार्णिक बहर (जे कि मात्र शुरुआती अभ्यास लेल छलै), दोसर वर्णिक बहर जाहिमे कोनो नव मात्राक्रम लऽ कऽ पूरा गजल ओहिपर लिखल जाए आ तेसर चरणमे उर्दू-फारसीमे स्थापित बहरपर लिखल जाएत। जँ हम एहि स्थापनाकेँ अपने तीन गजल संग्रहपर बैसा कऽ देखी तँ हमर गजलमे बेसी नै बस 2-3 % केर विकास बुझाइए। हमर पहिल गजल संग्रह पूर्णतः सरल वार्णिक बहरपर अछि। सरल वार्णिक बहर गजलक बहर नै छै मुदा वर्णिक बहर दिस उत्प्रेरित करबामे बहुत सहायक छै। हमर दोसर गजल संग्रह "जंघाजोड़ी" मे वार्णिक बहरक प्रधानता अछि मने अपना मोने कोनो एकटा मात्राक्रम लऽ कऽ ओहिपर पूरा गजल लिखलहुँ। कोनो भाषामे गजलकेँ स्थापित करबाक लेल वस्तुतः इएह पद्धति सही छै। एही पद्धतिसँ जँ बहुत गजल लिखेतै तखन जा कऽ मैथिली गजलक अपन खाँटी बहर भेटतै। ओना किछु गोटे एहि पद्धतिक ई कहि विरोध करै छथि जे गजल खाली उर्दूक लोकप्रिय बहरमे लिखबाक चाही मुदा हमरा जनैत ओ सभ गजलक दुश्मन छथि। किएक दुश्मन छथि से जनबाक लेल फारसीसँ उर्दूमे आएल बहर एवं ओकर हाल देखए पड़तनि। ईहो देखए पड़तनि जे कोना उर्दू अपन बहर स्थापित केलकै। किछु मैथिल जे हिंदी वा उर्दू मिश्रित देवनागरी लिपिमे गजल लिखै छथि हुनका सेहो ई गलत बुझाइत छनि। मुदा हुनका ई गलते बुझेतनि कारण हुनका बनल-बनाएल बाट भेटल छनि आ तहीपर ओ चलि रहल छथि (मुदा जतेक प्रश्न ओ मैथिली लेल करै छथि तते सवाल ओ उर्दू गजलक विषमतापर नै कऽ पबै छथि कारण ने नवताक ऊहि छनि आ ने हिंदी-उर्दू गजल मे हुनक पूछ छनि)। एहि गजल संग्रहक आधा गजल बहरे मीरपर लिखल गेल अछि जे मात्र सिखबाक शुरूआती दौरमे कोनो शाइर लेल सुविधाजनक रहैत छै। किछु गजल उर्दूक लोकप्रिय बहरपर लिखल गेल अछि आ शेष स्वतंत्र बहरपर। अइ संग्रहमे किछु एहनो स्वतंत्र बहर अछि जे पूर्णतः मैथिलीक अनुकूल अछि आ ओकर नाम देबाक जरूरति छै। मुदा नाम देबासँ पहिने ई हम स्पष्ट रूपे कहि दी जे संस्कृतक छंद वा उर्दूक मुजाइफ बहरक अतेक नमहर नियम छै जे हमरा द्वारा देल गेल मात्राक्रम केर नाम सेहो हेबे टा करतै आ से हमरा पता नै अछि मुदा हमर जतेक अध्य्यन अछि (जतबे हो) ताहिमे एहन मात्राक्रम हमरा नै भेटल तँइ हम एकरा सभकेँ चुनलहुँ नव नाम लेल। आब नाम केर आधार। प्राचीन कालमे छंदक नाम ओकर ध्वनिक प्रकृतिसँ होइत छलै मुदा हम अतेक प्रतिभाशाली नै छी जे छंदक ध्वनिपर काज कऽ सकी। दोसर बात ईहो जे जनताक पाइसँ बनल कोनो सरकारी चीजक नाम जँ नेतापर भऽ सकैए तँ ई बहर-छंद हमर अपन अछि आ हम अपन भाषाक साहित्य वा साहित्यकारक नामपर बहर-छंदक नाम किएक ने राखब। तँ हम जे निच्चा मात्राक्रम केर नाम देब से मैथिली साहित्यसँ जुड़ल नाम देब। किछु लोककेँ ई अनसोहांत लागि सकैत छनि। हुनका हम सुझाव देबनि जे ओ नव मात्राक्रम निकालथि आ ओकर नव नाम देथि। रुक्न 2221 (कतौ-कतौ एकर रूप 11221 सेहो भेटैए) केर मूल बहरमे प्रयोग नै छै मुदा मैथिलीमे एहन संरचना एकर शुरूआत चारि-पाँच (बेसियो) दीर्घसँ हो आ अंतमे लघु हो से मैथिली ध्वनि अनुकूल अछि जेना 22-22-22-22-21 वा 22-22-22-22-22-1 आ एहिने शुरूआती दीर्घ कतबो भऽ सकैए (मुदा सुविधा लेल 13-15 टा दीर्घ आ एकटा लघु बेसी नीक हेतै)। उदाहरण लेल राजीवरंजन झा केर लिखल ई गजल देखू- उज्जर पटमे झाँपल लोक फरहर गरहल गाँथल लोक गुम्मा घुमरय मोने मोन स्वारथमे किछु माँतल लोक एहि मतलाक दूनू पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम छै। बादक शेरमे सेहो इएह मात्राक्रम अछि। पूरा गजल पढ़बाक लेल अहाँ सभ राजीव रंजनजीक फेसबुक सर्च कऽ सकैत छी। कोनो गजलमे 8 टा दीर्घ तखन लघु वा आन संख्याक दीर्घ आ तखन लघु आबि सकैए। मुदा मोन राखू ई आने बहर जकाँ बहर हेतै आ एहिमे दू लघुकेँ जोड़ि कऽ दीर्घ बनेबाक छूट एहिमे नै संभव छै। मने दीर्घे टा चाही। आ एहि संरचना बला बहरक नाम हम देलहुँ “बहरे विदेह”। मैथिली गजलमे विदेह (http://videha.co.in) पत्रिकाक महत्वपूर्ण स्थान छै। विदेह पत्रिका निश्चित तौरपर संपूर्ण मिथिला (दूनू पार) केर प्रतिनिधित्व करैए संगे-संग मिथिलाक नामो विदेह छै। हम एहि बहरक नामाकरण एही विदेह पत्रिकाक नामपर केलहुँ अछि। कियो पूछि सकै छथि जे एहिमे संख्यावाची शब्द मोरब्बा आदि जोड़ि सकै छियै वा कि नै? जोड़बामे कोनो दिक्कत मुदा जँ दीर्घक संख्या कतबो हो नाम एकै रहै तँ कोन दिक्कत। ओना संख्यावाची शब्द जोड़बामे हमरा दिक्कत नै मुदा ओहन स्थितिमे एकरा उन्टा गानए पड़त जेना 2221 ई तँ स्थायी छै आ एकरा पहिने कतेक दीर्घ छै ताहि हिसाबसँ संख्यावाची शब्द जोड़ि दियौ जेना 2-2221 , 22-2221 , 222-2221 , 2222-2221..............। उम्मेद अछि जे भविष्य लेल ई नीक रस्ता देत। ई बहरे विदेह केर उदाहरण हमर एहि संग्रहमे बहुत भेटत मुदा ओहिमे ई नाम नै देल छै। भविष्य तय करतै जे ई बहर मैथिली गजल लेल केहन हेतै। ओना कियो ईहो पूछि सकै छथि जे एहिमे गजलक छूट लागू हेतै कि नै। हम कहब जे एहि मात्राक्रम पूरा सौंदर्य अंतिम लघुपर टीकल छै मुदा जँ छूट लेबहे पड़ए तँ मतला छोड़ि आन शेरक पहिल पाँतिक अंतमे लेल जा सकैए। माने मतला छोड़ि आन शेरक पहिल पाँति केर अंतमे जँ लघु बदला दीर्घ आबि रहल हो तँ ओकरा लघु मानि सकै छी मुदा फेर कहब एहि मात्राक्रम केर पूरा सौंदर्य अंतिम लघुपर टीकल छै। आब मानि लिअ जे जँ बहरे विदेहक ठीक उल्टा हो तँ की करबै मने शुरूमे लघु आ अंतमे दीर्घे-दीर्घ जेना 1-22-22-22-22 वा एहने सन आन संरचना। एहन मात्राक्रम लेल हम “बहरे गोविन्द” प्रस्तावित कऽ रहल छी जे कि आधुनिक मैथिलीक व्याकरणाचार्य पं.गोविन्द झाजीक नामपर अछि। साधारण जन लेल हिनका द्वारा मैथिली व्याकरण लेल जे काज कएल गेल ताहि लेल हम हिनक नाम प्रस्तावित केलहुँ अछि। जँ कियो संख्यावाची शब्द जोड़ए चाहै छथि से जोड़ि सकै छथि मुदा शुरू केर 1222 छोड़ि कऽ गानए पड़तनि। छूटक संदर्भमे इएह कहब जे एहि मात्राक्रम पूरा सौंदर्य पहिले लघुपर छै तथापि आपतकालमे लऽ सकै छी।एहि मात्राक्रमपर गजल कहब एखन बाँकी अछि वा कतहुँ हेतै तँ हमर नजरिसँ छूटल हएत। जँ कोनो मात्राक्रमक शुरूमे दीर्घे-दीर्घ हो आ अंत लघु-दीर्घ-लघुसँ हो (22-22-22-22-121 वा एहने सन) तँ एहन क्रमक नाम हम “बहरे लोचन” देलहुँ अछि जे कि रामलोचन ठाकुरजीक (प्रखर मिथिलावादी ओ स्वाभिमानी साहित्यकार ओ हमर साहित्यिक गुरूकेँ) केर नामपर अछि। प्रस्तुत गजल संग्रह एकटा गजल एहि क्रममे अछि-- बाहर बाहर जोड़ल भतार भितरे भीतर टूटल भतार (22-22-22-121) एहिमे दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ नै मानि सकै छी। मने दीर्घे टा चाही। रहल आन छूटक बात तँ फेर कहब जे मूल सौंदर्य जतेक बचए ततेक नीक। बहरे खफीफ मुसद्दस मखबून (फाइलातुन मुफाइलुन फेलुन) केर मात्राक्रम 2122 1212 22 अछि मुदा जँ गौरसँ देखबै तँ ई 212-212-1222 रूपमे सेहो छै। हम एहि संशोधित मात्राक्रम 212-212-1222 केर नाम “बहरे प्रदीप” राखि रहल छी जे कि मैथिलीक महान गीतकार मैथिलीपुत्र प्रदीप जीक नामपर हम प्रस्तावित केलहुँ अछि। एहि मात्राक्रममे लिखल अमित मिश्र केर लिखल ई गजल देखू- राति चन्ना उगल छलै की ने घोघ हुनकर उठल छलै की ने देश भरिमे सुखार पैसल छै झील नैनक भरल छलै की ने (212-212-1222 ) राजीवरंजन मिश्रजीक किछु गजल सेहो एहि बहरमे अछि जाहिमेसँ एकटा ई अछि— बड़ मिजाजी मनुख कथिक काबिल बिनु मिजाजो मुदा क्षणिक काबिल बात मानल कहल सुनल लोकक हैत सेहो कनी कनिक काबिल रुक्न 2221 केर मूल स्वरूपक गजल हमरा देखबामे नै भेटल मुदा ई रुक्न मैथिलीक अनुरूप अछि। हम एहि रुक्नसँ बनल बहरक नाम "बहरे रूप" राखि रहल छी जे कि प्रख्यात व्यंग्यकार रूपकांत ठाकुरजीक नामपर अछि। हरिमोहन झाजीक बाद मैथिलीक सुच्चा व्यंग्यकार रूपकांतजी छलाह मुदा मैथिल अपन स्वभावक अनुरूपे हिनका बिसरि गेल। संख्यावाची शब्द सेहो जुड़ि कऽ नव नव मात्राक्रम जेना कि 2221-2221 वा 2221-2221-2221 ......... बनैत चलि जेतै। जे वैधानिक छूट छै सेहो लागू हेतै मुदा मूल स्वरूपक गजल नीक। एहि मात्राक्रमपर गजल कहब शेष अछि। एहिठाम नाम तँ हम प्रस्तावित केलहुँ मुदा प्रश्न ई उठैए जे कि ई पाँचो बहर लोकप्रिय हेतै? हम कहब जे ई उत्तर हमरा लोकनि छोड़ि दी। हमर सभहक काज अछि एहिपर लीखब। आनो भाषामे नव बहर तकेलै ओहिपर लिखेलै ताहिमेसँ किछु लोकप्रिय भेलै आ किछु नै भेलै। तँइ ई सभ भविष्यपर छोड़ी। बहुत लोककेँ ई आश्चर्य लगतनि जे हम जतेक नाम देलहुँ ताहिमे विदेह (प्रकाशन) आ पं गोविन्द झा जी (व्याकरण) छोड़ि आनक कोनो योगदान गजल लेल नै छनि मुदा जिनकर योगदान गजल लेल छनि जेना पं.जीवन झा, कविवर सीताराम झा छनि हुनकर नाम हम कएक ने देलियनि। तँ हमर सीधा मानब अछि जे पं.जीवन झा, कविवर सीताराम झा आदिक गजलक सम्मान मात्र नाम देने नै बल्कि गजल विधामे लगातार विकास, विश्वविद्यालयमे ओकर स्थान, BPSC ओ UPSC मे गजलक स्थान भेटने हेतनि आ हिनकर सम्मान लेल हम इएह टार्गेट रखने छी। बिना भाव, बिना लय, बिना कोनो प्रयोगक मुदा छंदयुक्त हमर गजल संग्रह "कुमारि इच्छा" अहाँ सभहक हाथमे अछि आ अहाँ सभ के पढ़िते देरी एहि गजलमे भाव ओ लय आबि जेतै से हमर विश्वास अछि। भाव ओ लय अनुभवक नाम छै आ हमरा अपन अनुभव संगे-संग अहाँक अनुभवपर पूरा विश्वास अछि। एहि संग्रहक कोनो प्रकारक गलती हमरे अछि आ से निधोघ अहाँ सुझाव देबै से उम्मेद अछि। हमर आने संग्रह जकाँ एहू संग्रहमे मात्राक्रमक निर्धारण संस्कृते जकाँ भेल अछि। माने जँ कोनो अलग शब्दक अंतमे लघु छै आ तकर बाद कोनो संयुक्त वर्ण छै तँ पहिल शब्दक अंतिम लघु दीर्घ हेतै, न्ह, म्ह, ल्ह आदिक पहिने बला लघु वर्ण सेहो दीर्घे हेतै आदि। विस्तारसँ देखबाक लेल हमर "मैथिली गजलक व्याकरण ओ इतिहास' देखल जा सकैए। आशीष अनचिन्हार


1
रूसल रहलै खाली पेट
नहिये भेलै राजी पेट

भरले पेटक पूछम पूछ
नै नै करतै हाँ जी पेट

कत्ते करतै पूजा पाठ
साधुक सेहो पापी पेट

पूरा जीवन दुन्नू साँझ
खाली रहलै खाली पेट

कखनो अफरल कखनो धोधि
लुच्चा छै सरकारी पेट

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। एहि मात्राक्रमक कोनो नाम नै देल गेल अछि। बहुत संभव जे मुजाइफ बहरक कोनो लक्षण मीलि जाए मुदा जेना कि हम बेर-बेर कहैत छी जे गजलमे एहरेक पाँतिक मात्राक्रम एक समान हेबाक चाही आ जँ ओ लोकक जीहपर चढ़तै तँ ओकर नाम पड़ि जेतै आ से मैथिलीएमे नै हरेक भाषामे होइत छै।

2

इम्हर एने तगमा भेटत
उम्हर गेने घटना भेटत

मूड़ी झुकने बाबू सभहँक
दिल्ली भेटत पटना भेटत

कत्ते देखब हुनकर भीतर
जे सभ भेटत ठकना भेटत

पाखंडी सभहँक चाँगुरमे
राधा भेटत सलमा भेटत

अनचिन्हारक संगे रहने
इच्छा भेटत सपना भेटत

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
3
अपना सन नै लागल अनचिन्हार
अनका लग ई बाजल अनचिन्हार
रचनामे कनियों नै रहलै धाह
सुविधा रसमे डूबल अनचिन्हार
बहुते बाजल लेकिन काजक बेर
नाँगरि सुटका भागल अनचिन्हार
बदलत सभ कहियो बाजल ई बात
अलमीरामे राखल अनचिन्हार
पक्का हेतै ई चिन्हारक काज
सोझा सोझी बाजल अनचिन्हार
सभ पाँतिमे 222-222-222-1 मात्राक्रम अछि।

4
हुनका आगू कोनो मुद्दा नै बँचलै
कुर्सी टेबुल चप्पल जुत्ता नै बँचलै

जिनका आगू राखल छै खाली आँठी
तिनका आगू रसगर गुद्दा नै बँचलै

सभ भऽ गेलै अपना मोने साधू संत
अइ संसारमे कियो लुच्चा नै बँचलै

हेहर कहियौ थेत्थर कहियौ या किच्छो
ई सच सभ दिन बँचलै सत्ता नै बँचलै

भूखसँ जो़ड़ल समान एलै बजारमे
महँगा नै बँचलै आ सस्ता नै बँचलै

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 222-222-222-22 अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

5
चास नै छै बास नै छै गाम नै छै
वस्तु नै छै वास्तु नै छै दाम नै छै
आबि बैसल मोनमे अपने हिसाबें
नेह नै छै सोह नै छै काम नै छै
बस खुशीमे अंग बूझू संग बूझू
आ दुखीमे काज नै छै नाम नै छै
देशमे रावण कुम्भकर्णो मेघनादो
केसरी नै लाल लक्ष्मण राम नै छै
सर्द इच्छा भाव सर्दे सर्द भेटल
चाह नै छै धाह नै छै घाम नै छै
सभ पाँतिमे 2122-2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोसद्दस सालिम)।
6
हमरो भेटल सुन्ने सुन्ना
हुनको देलक तकरे दुन्ना

बेरोजगारीक तीन यार
धर्म शर्म भाषण झुनझुन्ना

छिड़िआ गेल छलहुँ हम बहुते
हमरा बान्हल भूखक जुन्ना

संसदमे के सभ पहुँचल छथि
सीसी बोतल ठेपी मुन्ना

ओ सभ मरलै जिनका कारण
से गाबै छथि ता ता तुन्ना

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

7

दुभि धान जान हमर
फुल पान जान हमर
सुर तान जान हमर
अनुमान जान हमर
प्रत्यक्ष आस रहल
अनुमान जान हमर
छै सीता राम लखन
हनुमान जान हमर
कमजोर देह मुदा
बलवान जान हमर
सभ पाँतिमे 2212-112 मात्राक्रम अछि।चारिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबा छूट लेल गेल अछि।

8

अपने जन्मल इफ आ बट
चुप्पे पसरल इफ आ बट

किंतु परंतु के फेरमे
पित्ते लहरल इफ आ बट

संबंधक नकली मुँहपर
बहुते चमकल इफ आ बट

बाहर बाहर मिलजुल मन
भीतर उपजल इफ आ बट

ईगो संदेहक संगे
सजि धजि निकलल इफ आ बट
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। "मिलजुल मन" हिंदीक एकटा प्रसिद्ध पोथीक नाम सेहो छै। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

9
लंफ लंफा संगमे नै
ढेर शंका संगमे नै
आपरूपी इष्ट भेटल
धैर्य हमरा संगमे नै
ई उपासे ओ उपासे
पैंट अंगा संगमे नै
पाइ कोठा फ्रीज सोफा
बीत बिग्घा संगमे नै
काँट हँसलै देखि अतबे
फूल भमरा संगमे नै
बोझ परहक आँटी सनक ई शेर--
देह पूरा ठीक लेकिन
रीढ़ हमरा संगमे नै
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।

10

पेटक लड़ाइमे हारत के
खेतक लड़ाइमे हारत के

वचन हुनकर महामिलन केर
भेंटक लड़ाइमे हारत के

फरिया ने सकलै जीवन भरि
नेहक लड़ाइमे हारत के

टेटर कहाँ कियो देखि सकल
घेघक लड़ाइमे हारत के

अनचिन्हारक विरुद्ध समाज
जीतक लड़ाइमे हारत के

सभ पाँतिमे 222-222-22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

11
मोन मीलै बात मीलै
प्रेम आ उत्पात मीलै
बात अतबे भेल बड़का
मूँह संगे भात मीलै
छै समयकेँ माँग अतबे
बीच संगे कात मीलै
बेबहारक मोल केहन
विश्वमे औकात मीलै
छै मिलन दू शराबक
घातमे प्रतिघात मीलै
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।

12
जेहन जेहन भेलै मति
तेहन तेहन भेलै गति
खाली सम्बन्धे टुटलै
जीवनमे छै अतबे क्षति
नै छै कियो जनता लेल
प्रधानमंत्री राष्ट्रोपति
कनियें रस आ बहुते बिख
रखने रहला हमरा प्रति
हम्मर हिनकर जिनकर हो
छै ईहो अति ओहो अति
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
13

मोन बनलै शांतिवादी
पेट बनबै क्रांतिकारी
एक राजा एक रानी
बाद बाँकी दास दासी
ई जमा हमरे जमा अछि
आँखि भारी पीठ भारी
की कऽ सकतै से तँ कहियौ
दोस्त बनलै काठ आरी
भाग ओकर एहने छै
एकभुक्ते एकचारी
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।

14

मोनक उप्पर बात बहुत
मोनक भित्तर घात बहुत

बिहाड़ि या कोनो कारण
गाछक निच्चा पात बहुत

छौंड़ी सन तरसाबैए
हमरा सभकेँ भात बहुत

सरकारक मेहरबानी
तँइ भेलै उत्पात बहुत

अनचिन्हारक कपारमे
नोरक छै खैरात बहुत

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
15
आइ जे इतिहास हेतै
काल्हि से उग्रास हेतै
पाइ बिन अतिचार मानू
पाइ बिन मलमास हेतै
की जरूरी हारि मानी
आस रखने रास हेतै
बूझि गेलहुँ बात हुनकर
दोसरे सभ खास हेतै
छल अभयमुद्रा बहुत दिन
आब ओ संत्रास हेतै
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
16

गरीबक नाम मजबूरी मिश्रा
अमीरक नाम अंगूरी मिश्रा
प्रस्ताव लटकल रहलै अधरमे
नहिए भेलै मंजूरी मिश्रा
भेल छै हुनकर ठोरक लालीसँ
पूरा जीवन सिंदूरी मिश्रा
छै अपने लेखक अपने पोथी
संस्था छै अपने जूरी मिश्रा
केकरो दोस्ती नै टूटै मुदा
ईहो छलै बड़ जरूरी मिश्रा
सभ पाँतिमे मात्राक्रम 222-222-222 अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
17
एक आँगन बहुते विचार
सात चुल्हा सत्तर भतार
माथ हुनकर हुनके लिलार
हाथ हुनकर हुनके कटार
देशमे छै अतबे फसाद
मूँह हुनकर अनकर सचार
मोनमे छै अतबे सवाल
कोन कोना जेतै लचार
नग्र नग्रक बाते कमाल
गाम गामक दुक्खे अपार
सभ पाँतिमे 2122-22-121 मात्राक्रम अछि।

18
सभटा सुविधा सरकारी राम हरे
खाली हुनके सरदारी राम हरे
जीवन भेलै अखबारी राम हरे
रिपोर्टिंग रहलै जारी राम हरे
अपनेमे मारा मारी राम हरे
उजड़ल पूरा फुलवारी राम हरे
अपने थारी घिउढ़ारी राम हरे
खाली अपने परचारी राम हरे
बच्चा भेलै संस्कारी राम हरे
माए रहलै बेचारी राम हरे
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। राम हरे पदक प्रयोग भजन सभसँ लेल गेल अछि।

19
पानि कादो थाल की छै
बोनि उपजा टाल की छै
प्रश्न ईहो पूछि देलक
आर कहियौ हाल की छै
साधि लेलक दर्द सभटा
राग सुर आ ताल की छै
घीचि लेतै प्राण सभहक
जीह की छै खाल की छै
गेल सौतिन फेर पोखरि
माछ पुछतै जाल की छै
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
20

बात हुनकर सम्मोहन हो राम
हँसी हुनकर दुखमोचन हो राम

नमरी बड़ हल्लुक छै से कहलक
फाइल सभ केर ओजन हो राम

ने बँचलै नौकरी ने बेपार
भेटतै कोना भोजन हो राम

छै हुनके माला हुनके माइक
हुनके मंच संयोजन हो राम

छै तीत अकत बेबहार लेकिन
भेलै मीठ संबोधन हो राम
सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
21

बाहर बाहर जोड़ल भतार
भितरे भीतर टूटल भतार
छै मृगतृष्णा सन के विकास
इम्हर उम्हर दौड़ल भतार
इच्छा माने पूरा समान
किम्हर जेतै परिकल भतार
लेने हेतै सभटा हिसाब
चुप्पे रहि रहि कानल भतार
हमरा आने देलक समाद
अपने लोकक दागल भतार
सभ पाँतिमे 22-22-22-121 मात्राक्रम अछि।

22
निशानापर बूढ़ संगे बच्चा छै
देशमे आब युवा केर सत्ता छै
दर्दक अनुभव होइतो नोर रोकब
ईहो एक तरहँक गर्भहत्या छै
सत्य हुनकर ठोरक चुप्पी जगतमे
बाद बाँकी बात मिथ्ये मिथ्या छै
केकरो हाथमे भरलाहा भारी
केकरो हाथमे खाली डिब्बा छै
लोहा के हो प्लास्टिक के या काठक
कोनो कुर्सी अपनामे सत्ता छै
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
23

मनोबल मनोरम बना देत पक्का
मनोकामना सभ पुरा देत पक्का
नियम ई सदा मोन राखब अहाँ हम
अपेक्षा उपेक्षित बना देत निश्चित
कते रोकि रखतै कते दाबि सकतै
बहल नोर दुनियाँ जरा देत पक्का
कनी आचरण ठीक रखबै तँ अनुभव
गजल नीक सुंदर कहा देत पक्का
कियो आइ पूजा करैए मुदा ओ
विसर्जन कऽ जल्दी भसा देत पक्का
सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि (बहरे मुतकारिब मोसम्मन (चारि) मोसम्मन सालिम वा बहरे मुतकारिब सालिम अठरुक्नी)।
24
दुखमे चाहत मोन हमर
सुखमे बाँटत मोन हमर

अते इयाद लेने जाउ
अतबे राखत मोन हमर

बेर बखतपर भस्मासुर
हमरे मारत मोन हमर

कऽ लिअ छल कपट आ जे से
किछु ने जानत मोन हमर

अपन बूझि अबियौ कहियो
अपने लागत मोन हमर

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

25

चिन्ते चिन्ता छै
तैयो जिन्दा छै
ठक के नगरीमे
ठक बासिन्दा छै
किछु छै मालिक सन
किछु कारिन्दा छै
नीके लगलै से
केहन निन्दा छै
जे राधा रानी
से गोविन्दा छै
सभ पाँतिमे 22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
26

काज कम जोर बेसी
मूँह कम ठोर बेसी

आँखि हुनकर कहैए
दर्द कम नोर बेसी

देशमे आबि गेलै
आब लतखोर बेसी

ई बजट एहने छै
माछ कम बोर बेसी

हाल पिच केर अतबे
सिक्स कम फोर बेसी

सभ पाँतिमे 2122-122 मात्राक्रम अछि।

27
छन छनमे जे बदलल दुनियाँ
अपने सनकेँ लागल दुनियाँ

हमरा कातक साफे सुत्थर
हुनका कातक घोंकल दुनियाँ

बाहर बाहर संतोषी छै
भीतर भीतर दग्धल दुनियाँ

कखनो लागै फूलल फूलल
कखनो लागै पचकल दुनियाँ

अपने आगिसँ जरबे केलै
अपने रसमे भीजल दुनियाँ

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

28

चुप्पे चुप छै सभहँक फेस
लागल हेतै कत्तौ ठेस

अपने रस्ता अपने आरि
अपने हारल अपने रेस

हुनकर नेहक बनलै जेल
हमहूँ हारब जीतल केस

इम्हर उम्हर सगरो देखि
चल गे सजनी सुंदर देस

बहुरुपिया लग रहिते छैक
जेहन तेहन बहुते ड्रेस

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।

29

अपने जरलै अनचिन्हार अनचिन्हार
मिझा कऽ चमकै अनचिन्हार अनचिन्हार

पूरा जीवन आमने सामने रहितो
दुन्नू रहलै अनचिन्हार अनचिन्हार

हमर आँखिमे हुनकर आँखि गुणा करियौ
तखने हेतै अनचिन्हार अनचिन्हार

सर्किल कतबो बड़का हो मुदा बिन पाइ
दुनियाँ कहतै अनचिन्हार अनचिन्हार

दर्दक छतपर असगर असगर चुप्पे चुप
खुब्बे टहलै अनचिन्हार अनचिन्हार

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
30
हुनकर बाजब काँटे कूस
सुनबैया के मनुआ झूस

हमरा चाही हुनकर नेह
बाजू लेबै कत्ते घूस

भागल रौदी दाही बेर
खाली आबै माघे पूस

धर्मी डूबल बिच्चे धार
बड़का पापी अनका दूस

नेता भेलै लड्डूलाल
जनता भेलै लेमनचूस

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। "धर्मी डूबल बिच्चे धार" ई पाँति कबीरक एक पदसँ प्रेरित अछि।

31

खूब गरजैए सच केर दलाल
खूब ठहकैए सच केर दलाल
छै चानन अनकर आनन हुनकर
खूब चमकैए सच केर दलाल
केखनो एहन केखनो ओहन
खूब बदलैए सच केर दलाल
किछु भेटत तकरे प्रत्याशामे
खूब लिबलैए सच केर दलाल
अपने सच्चा अनका झुट्ठा कहि
खूब बिकलैए सच केर दलाल
सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

32
पुछारी करा गेल हेतै
बुढ़ारी बना गेल हेतै
अचानक मिझा घूर भागल
जरूरे दगा गेल हेतै
कनी देखलहुँ बाट सरगक
दिबारी जरा गेल हेतै
अबैए गमक किछु अजीबे
कि सुइटर बुना गेल हेतै
विलंबित रहल ताल सभहक
कहीं द्रुत गबा गेल हेतै
सभ पाँतिमे 122-122-122 मात्राक्रम अछि (बहरे मुतकारिब मोसद्दस (तीन) सालिम वा बहरे मुतकारिब सालिम छहरुक्नी)।
33

मूँहो केहन केहन
भातो केहन केहन
टूटै छै राग भास
गीतो केहन केहन
बुझबे करतै कहियो
आसो केहन केहन
इच्छा कीनत बेचत
हाटो केहन केहन
सदिखन उठबै असगर
बोझो केहन केहन
किछु कथा मोन पड़लै
मीतो केहन केहन
सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानि लेबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

34
घड़ी दू घड़ी जे बिता गेल भमरा
बहुत बात हमरा सिखा गेल भमरा
गमक लीखि देबै मधुर रस परागो
जदी गाछ फूलक पटा गेल भमरा
निमाहब कठिन छै हलाहल समाने
अपन आन खातिर बिका गेल भमरा
हमर टीस लेलक अपन टीस देलक
तकर बाद किम्हर नुका गेल भमरा
रहै दाग पुरना मुदा दर्द नवके
हवन कुंड लग सकपका गेल भमरा
सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि (बहरे मुतकारिब मोसम्मन (चारि सालिम वा बहरे मुतकारिब सालिम अठरुक्नी)। यदि=जदि केर उच्चारण रूप जदी लेल गेल अछि। वर्तनी रूपमे ‘यदि’ सही छै।

35

खिचने गेलै जिंदा खाल
लगुआ भगुआ जहरीलाल
भीतर लगलै कसगर चोट
बाहर खाली कादो थाल
इम्हर चूबै अगबे घाम
उम्हर बाजै सुर लय ताल
कानूनक अछि नवका नाम
टूटल हाथक फाटल जाल
एकै टा छथि सभहँक नाथ
अतबे आसा सालो साल
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
36
कविता बहुते जेबीमे
सुविधा बहुते जेबीमे

लक्षणा व्यंजना संगे
अभिधा बहुते जेबीमे

अपने खातिर रखने छी
दुविधा बहुते जेबीमे

हुनका मोनक हवन कुंड
समिधा बहुते जेबीमे

तंत्र मंत्र जोगी संगे
मुखिया बहुते जेबीमे

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। ई बहरे मीर अछि।

37

गंगा घोषै जमुनावाद
जमुनो घोषै गंगावाद

अतबे चाहै सत्तावाद
बारुद गोली डंडावाद

हमरा कहलथि हरिजन एक्ट
हुनका कहलनि बभनावाद

हुनकर सभहँक देखू नेत
अनका नै बस अपनावाद

मंदिर मस्जिद संसद लोक
सभहँक नारा ठुमकावाद

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
38
हमहीं खाली सुंदर सुंदर
बाँकी दुनियाँ बानर बानर

हुनकर ठेकाना नोट करू
सत्ता डोरी जिम्हर जिम्हर

रस्ता भेटल चिक्कन चुनमुन
पहिया लेकिन पंचर पंचर

सभ टा सपना पुरबे केलै
बाँकी सपना आँचर काजर

अमीर लग छथि गंगा जमुना
छथि गरीब लग ईंटा पाथर

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

39

अपने कहलक आह
अपने बुझलक वाह

अपने मोने प्रीत
अपने मोने डाह

अपने बनलै धार
अपने लेलक थाह

अपना आगू लोह
अपने पाछू लाह

अपने मरहम भेल
अपने बनलै घाह

सभ पाँतिमे 22-2221 मात्राक्रम अछि।


40
अपना अपनी हेम छेम
बाँकी सभ छै गेम गेम

हम्मर हुनकर चालि चलन
डिट्टो डिट्टो सेम सेम

हम्मर आँखि हुनकर आँखि
जादू टोना नेम टेम

बिन किछु केने धेने जी
खाली चाही फेम फेम

आलोचनानुमा पोथी
तइमे अपने नेम नेम

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

41

रघुपति राघव राजाराम
कोना चुकतै श्वासक दाम

सुंदर सुंदर चकमक नग्र
उपटल बिलटल सभहँक गाम

गरदनि खातिर एकै रंग
सोना चाँदी लोहा ताम

पुछने रहियै एकै प्रश्न
उत्तर देलक इमली आम

उज्जर शोणित पीयर नोर
हरियर थाकनि कारी घाम

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। "रघुपति राघव राजाराम" लक्ष्मणाचार्य रचित "श्री नम: रामायणम्" केर अंश अछि।

42
हुनकर आँखिक अतबे सपना
हिंदू मुस्लिम चमरा बभना

साहित्य आ कि राजनीतिमे
अबिते रहलै अदना पदना

अधरतियामे हमहूँ देखल
एकै भेलै अरघा बदना

नोर नोर नोर नोरे नोर
अतबे लिखने रहथिन विधना

दुख भेटल रहै मुँहदेखाइ
दुक्खे रहै हमर मुँहबजना
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

43

किनको भेटै फूलक रंग
किनको भेटै काँटक रंग

चुप्पे रहलै मंचक पात्र
बदलल लागल नाचक रंग

पूरा पूरी मोनक चाह
आधे रहलै आधक रंग

अपने रहलै हरियर गाछ
पीयर भेलै पातक रंग

नीपल ढ़ौड़ल बहुते झूठ
भखरल भखरल साँचक रंग

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।

44
बेपारी छै ताल बैताल
हाटक बड़का जाल बैताल

कारी कारी कर्मक बलपर
गोटी भेलै लाल बैताल

इच्छा बनि गेलै भस्मासुर
अपने बनलै काल बैताल

जा धरि दियाद गलि नै गेलै
दबने रहलै माल बैताल

हुनकर मोनक हुनकर देहक
हमरो कहलक हाल बैताल

बाँकी नै छै कोनो गाछी
आबै साले साल बैताल

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
45

मॅालक चस्का देने गेल
लोटा थारी लेने गेल

हमरो हिस्सा हुनके नाम
चुप्पे चुप रखबेने गेल

नहिये बँचतै टूटल नाह
तैयो असगर खेने गेल

जत्ते बिछलक अपनेसँ
सभ टा से छिड़ियेने गेल

अपना देशक अतबे हाल
गरदनि बाँचल चेने गेल

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।

46
अगर मगरमे जीवन बीतल
गीजल कादो फेरो गीजल

पढ़ने रहियै जे अगर मगर
जीवन भरि से बहुते लीखल

जिम्मा हिस्सा के झगड़ामे
ई अगर मगर हमहूँ सीखल

असगर सुन्न पड़ल आँगनमे
अपने रूसल अपने बौंसल

अलगे अनुभव हुनका छुबिते
पलमे ठंडा पलमे धीपल

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

47

सजल नयन मिथिलेश हो मालिक
कमल नयन अवधेश हो मालिक

हुनक कहब छनि जे ई सभ हमरे
हमर बचल कुन देश हो मालिक

दशा दिशा के तय करत अहि ठाँ
सड़ल गलल परिवेश हो मालिक

कनी मनी छनि आचरण हुनकर
बहुत बहुत उपदेश हो मालिक

नवे नवे अफसर नवे भाषण
सुनल सुनल संदेश हो मालिक

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 12-1222-1222 अछि।

48

हुलहुल हुलकै अगबे उधार
तइमे बिकलै आँगन हमार
धोती कुरता बड़का टिक्का
चमचम चमकै राँगल सियार
झुट्ठे के छै सभहँक जीवन
झुट्ठे के छै खाँहिस हजार
हेबे करतै ई महामिलन
कुमारि इच्छा हाटो कुमार
किछु आदति तेहने रहै जे
हमहूँ लचार ओहो लचार
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

49

जनबल धनबल छलबल मोन
कत्ते सहतै निर्बल मोन

सदिखन चाहै पापक ओट
सुंदर निश्छल निर्मल मोन

गर्जन तर्जन वर्जन सूनि
चुप्पे रहलै कलबल मोन

हमरे हिस्सा थाकल देह
हमरे हिस्सा चनकल मोन

अनका खातिर अनचिन्हार
हमरा खातिर दगधल मोन

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।

50
छनमे छै सुल्तान सखी
छनमे छै दरबान सखी

पंडित पुरहित असगर छथि
असगर छथि भगवान सखी

साँचो हेतै किछु ने किछु
बाँकी छै अनुमान सखी

भूखक आगू जीवन छै
नै दे हमरा ज्ञान सखी

कत्ते सीबै तोंही कह
फाटल छै असमान सखी

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

51

रंगक जोर हमरे सन
कारी गोर हमरे सन

ई सभ बादमे बुझलहुँ
ओहो चोर हमरे सन

हुनका सन हँसी सभहँक
सभहँक नोर हमरे सन

धँसलै बात भीतर धरि
हुनको ठोर हमरे सन

अनुभव केलियै हमहूँ
छै अंगोर हमरे सन

सभ पाँतिमे 2221-222 मात्राक्रम अछि।
52

जक्खन देखू सुंदर देखू
हरियर चश्मा हरियर देखू
छै बेटी भेने दुन्ना दुख
सासुर देखू नैहर देखू
भुसकौल लेखक पोथी मोट
अद्भुत अद्भुत थैहर देखू
भीतर तकने बाहर भेटत
अपना अपनी अंतर देखू
छै प्रवृति मनुक्खक कुक्कुर सन
ज्ञानी कहलक बानर देखू
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
53

रचा गेलै राखल बात
बचा गेलै बाँचल बात

लगेतै ओ केहन अर्थ
मिटा रहलै लीखल बात

बजारक छै अतबे रेट
बिका गेलै लीबल बात

भरल पेटक ढेकारेसँ
अघा गेलै भूखल बात

दुखक कड़गर तिखगर रौद
टटा गेलै भीजल बात

सभ पाँतिमे 1222-2221 मात्राक्रम अछि।
54
छै दालि भात तीमन खंडित
गरीबक भाग भोजन खंडित

एहन सुदीन कहिया हेतै
साँखर खंडित धामन खंडित

ई बात वएह बूझत जकर
एक नजरिमे जीवन खंडित

भवसागरमे रहने बसने
भवसागर के बंधन खंडित

अइ कारोबारी दुनियाँमे
सभहँक इच्छा सदिखन खंडित

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।


55
बच्चा माने चिन्नी चोर
सियान माने मुर्गी चोर

बिल्डर रखने मेघक टेक
नेता माने धरती चोर

हम भेलहुँ दर्दक अवतार
हुनका मानू हँस्सी चोर

दुन्नू घातक माछक लेल
बंसी मालिक बंसी चोर

मालिक बनलै दाही केर
जे छल पहिने रौदी चोर

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।

56

कहबौ तोरा अपने घरक बात
लगतौ तोरा अपने घरक बात

अइ खाली खाली घरमे सदिखन
तकतौ तोरा अपने घरक बात

काशी केर ठक सभ आब गेलै
ठकतौ तोरा अपने घरक बात

घुमा फिरा कऽ पहिल बलिदान लेल
चुनतौ तोरा अपने घरक बात

बेरा बेरी संदेहक आँखिसँ
पढ़तौ तोरा अपने घरक बात

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

57
अस्त्र हुनकर चालबाजी
शस्त्र हुनकर जालसाजी

डेग डेगक आस रखने
लोक खातिर वेद राजी

चुप भऽ देखै अंग दहिना
वाम खेलै तीख बाजी

सैंत बैसल छी हँसी हम
खूब उछलै नोर पाजी

खूब बंटाधार हेतै
खेल मुकुटक ताज ताजी

सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि। (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।

58

दिनका खिस्सा लत्तम जुत्तम
रतुका हिस्सा लट्ठे लट्ठम

करेजक बदला करेजे दऽ कऽ
हिसाब केलहुँ सद्धम बद्धम

रोडक बहार अजबे बहार
खत्ता खुत्ती गड्ढ़े गुड्ढ़म

इच्छा भेलै नमहर चाकर
संभव रहलै भुट्टे भुट्टम

गरीब लेल मिथिला पंचांग
अमीर बूझै सुद्धे सुद्धम

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

59
दरबार के प्रतीक्षामे
उद्धार के प्रतीक्षामे

छै लाश एखनो पड़ले
अखबार के प्रतीक्षामे

धिक्कार सहि कऽ बैसल छै
सत्कार के प्रतीक्षामे

बुधियार सभ रहल ठाढ़े
बुधियार के प्रतीक्षामे

कचनार संग गेंदा सभ
प्रतिकार के प्रतीक्षामे

सभ पाँतिमे 2212-1222 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
60

जोड़ल रहलै आँगुरपर
तैयो बिसरै आँगुरपर

कहने रहियै आँगुरपर
कहबे करबै आँगुरपर

बाहर हो की भीतर हो
कत्ते नचतै आँगुरपर

रौदी दाही अपने छै
हमहूँ लुटबै आँगुरपर

इच्छा बनलै छागरजी
अपने कटतै आँगुरपर

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
61
शत्रु सम अभ्यास ताकै
लाशमे उल्लास ताकै

बीचमे छै मोह माया
कातमे संन्यास ताकै

बेचलक जे माघ फागुन
घुरि कऽ ओ मधुमास ताकै

आर पारक खेल हेतै
नित नवल विश्वास ताकै

जानि ने की बूझि दुनियाँ
वास्तविक आभास ताकै

सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि। (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।

62

भागो ने जगलै
आसो ने पुरलै

खेत पथार गाछ
धारो ने रहलै

गीत छै विनाशक
भासो ने लगलै

अर्घ छै दुख केर
हाथो ने उठलै

पूरा चक्करमे
आधो ने बँचलै

सभ पाँतिमे 22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

63

अखबारे सरकार छै
सरकारे अखबार छै

ई बुझलहुँ केनाहुतो
उपकारे अपकार छै

राजा मंत्री आ प्रजा
दरबारे दरबार छै

एलहुँ हम सुख दुख भुजा
संसारे कंसार छै

अइ धनिकक जनतंत्र लेल
रखबारे रखबार छै

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 22-22-212 अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।

64

बनि ठनि रचि रचि कऽ सिंगार केलक ओ
हमर सारापर पिकनिक मनेलक ओ

गरीबक हिस्सा खेलक पचेलक ओ
तकर बादे धारे झा कहेलक ओ

चलब नियति छै जीवन केर ई कहि कऽ
बाटे घाटे अनवरत घुमेलक ओ

पहिने बनेने छल बम गोली मुदा
अइ बेर हमरा पायल बनेलक ओ

अनचिन्हारे सन कठकरेज बुझलक
तँइ उदास खिस्सा हँसि कऽ सुनेलक ओ

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
65
अपना हकमे सुविधा लिखने
हमरा हकमे विपदा लिखने

फैक्ट्री चलतै इंटरनेटी
खेती हेतै कदबा लिखने

हमरो अनुभव रखने रहियौ
काँटे भेटत रस्ता लिखने

अनका भरसे कत्ते रहबै
दुनियाँ बदलत अपना लिखने

बैसल रहने किछु नै भेटत
मकता पूरत मतला लिखने

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

66

माथा छाती हाथो माछ
रसमे डूबल अधरो माछ
देखू भेलै केहन भाग
पोखरि कूदै तरलो माछ
अगड़ा पिछड़ा चक्कर चालि
पोठी बनतै रहुओ माछ
अनकर पोखरि कत्ते आस
देलक धोखा अपनो माछ
केहन केहन हेतै जाल
से सभ जानै नवको माछ
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।

67

नारेबाजी फ्री फ्री
झंडेदारी फ्री फ्री

हिस्सेदारी पूरा
जिम्मेदारी फ्री फ्री

साँच वचन के संगे
मारा पिट्टी फ्री फ्री

जनता गेल जेलमे
कारोबारी फ्री फ्री

संबंधक बदला छै
सोना चानी फ्री फ्री

सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

68

हौआ एलै राजाजी के राजमे
की नै भेलै राजाजी के राजमे
चतरल पसरल घनगर हरियर गाछ सभ
बड़ मुरझेलै राजाजी के राजमे
पातर गहुमन धामन आरो साँप सभ
बड़ मोटेलै राजाजी के राजमे
जे चौपेतल चुनरी छातीपर रहै
से उधिएलै राजाजी के राजमे
नीरो बनि गेलै चूनल सरकार आ
बंसी टेरै राजाजी के राजमे
सभ पाँतिमे 22-22-2- 22-212 मात्राक्रम अछि।

69

बहसल सिनेह रभसल सिनेह
सिनेह बुझिते उपजल सिनेह

कहियो रखने छल भीड़ भाड़
आइ असगरे अभरल सिनेह

पसंद छै सभहँक अपन अपन
छै सिनेहपर लुबधल सिनेह

अप्पन लोक बनि बहुत ठकलक
आब आन बनि पहुँचल सिनेह

हेतै किछु ने किछु कारण तँइ
ठेहुन धरि छै निहुरल सिनेह


सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

70

पानि मँगिते रौद धधकल
रौद मँगिते पानि बरसल
मोन बुझिते देह उमकल
देह छुबिते मोन बहसल

पाँच बर्खक आस अतबे
धोधि निकलल पेट अफरल

चास केहन बास केहन
फूल रोपल काँट उपजल

ई समय केहन समय छै
प्राणमे छै प्राण अटकल
सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।
71

बेपार सदा सोहागिन
पैकार सदा सोहागिन

उपकार मरलै छन छनमे
अपकार सदा सोहागिन

कहू कोन सिंदूर लगा
सरकार सदा सोहागिन

सभ अबैत जाइत रहतै
संसार सदा सोहागिन

बिलेतै अनुचित समर्थन
प्रतिकार सदा सोहागिन

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
72
गहुमन बली अजगर गली
धामन बली साँखर गली
नेहक धनी जाइत रहल
आँचर गली काजर गली
बगुला भगत भेटल बहुत
बाहर गली भीतर गली
कोना चलब अतबे कहू
हिनकर गली हुनकर गली
आएल रहथिन देवतो
पापक महल पामर गली
सभ पाँतिमे मात्राक्रम 2212-2212 अछि (बहरे रजज मोरब्बा (दू) सालिम वा बहरे रजज सालिम चारिरुक्नी)।
73

पहिने मिठाइ फेर मिरचाइ भेलै
चीन्हल जानल लोक हरजाइ भेलै
पहिले दीनमे सजा सुना देलकै
तारीखसँ नीक जे सुनवाइ भेलै
जेहन मूँह देखै तेहने रचि दै
आब ओहो शब्दक हलुआइ भेलै
अपने घर आँगन अपने दुआरिपर
बहुत मस्ती बहुते पहुनाइ भेलै

चलि जाइत रहलै अनचिन्हार बनि कऽ
कहियौ एहन कोन अगुताइ भेलै
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। दिन केर उच्चारण रूप दीन लेल गेल अछि। वर्तनी रूपमे दिन सही छै।
74
भूमिपर अघोषित आपदा छै
आदमीसँ बेसी देवता छै

मोक्ष लेल साधल मोहमाया
साधनासँ बेसी वासना छै

मोन मरि कऽ एलै देह खातरि
जीबि जाइ अतबे कामना छै

रत्न सागरक मंथनसँ भेटल
ई उठा पटक संभावना छै

मोनमे बसल छै मोन हुनकर
संग लेल ई प्रस्तावना छै

सभ पाँतिमे 212-122-2122 मात्राक्रम अछि।
75
उम्हर उड़लै लाखो जी
इम्हर टुटलै आसो जी
असगर बैसल आँगनमे
माटिक मूरत माधो जी
नहिए भेलै पुण्य शून्य
चलिते रहलै पापो जी
ईहो देखब जीवनमे
अपनो हँसतै आनो जी
हुनकर कर्मक पोखरिमे
नहिए लगलै थाहो जी
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
76
पूरा धरती नापल ओ
चुप्पे चुप्पे कानल ओ

सुर लयकारी अनकर छै
अनके आशे नाचल ओ

सभटा माया हुनके छनि
चट हारल पट जीतल ओ

बिख माहुर ओ कीदन खा
कनियें कनियें बाँचल ओ

बड़का दुख अनचिन्हारक
चिन्हारक छै दागल ओ

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)।

77
नाम हुनका लग लिखा गेल हमरो
आब की हेतै बुझा गेल हमरो

दाम अपने हम लगेलहुँ अते कम
जे अपन जीवन लिया गेल हमरो

भेल छल शुरुए शुरूमे तते जे
अंतमे सप्पत खुआ गेल हमरो

रंग हुनकर देखि दुनियों कहल आ
बेरपर कहबी फुरा गेल हमरो

के रहत के नै रहत से कहत के
आइ देखू भोज खा गेल हमरो

सभ पाँतिमे 2122-2122-122 मात्राक्रम अछि।
78

छै अमीरक दिक्कत हीरा सोन दिक्कत
आ गरीबक दिक्कत माँड़े नोन दिक्कत
कोना पुरतै सिंदूर सभ इच्छा लेल
रहतै किछु इच्छा कुमारि तँ कोन दिक्कत
हमहूँ मानि लेलहुँ ओहो मानि लेलक
अइ दुनियाँमे देह दिक्कत मोन दिक्कत
किनको खातिर ई कर्जो भेलै तगमा
किनको खातिर सबूत बला लोन दिक्कत
बिना जनने बिना बुझने उल्टा प्रभाव छै
तांत्रिक सभ लग जोग दिक्कत टोन दिक्कत
सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
79
खाली जेबी लोक लग
छुच्छे थारी लोक लग

दिन दुपहरिया हम कहब
रातुक पारी लोक लग

सिस्टम सेहो चुप रहल
सिस्टमशाली लोक लग

किम्हर गेलै फूल सभ
छै फुलडाली लोक लग

ई सभ बुझलक अंतमे
संकट भारी लोक लग

सभ पाँतिमे 22-22-212 मात्राक्रम अछि।

80
गतिहत संगत झंझट डेरा
मतिहत पंगत अगबे फेरा

अपने पुरखा कहने रहथिन
करनी जनिअह मरनी बेरा

एना मरतै आलू कोबी
ओना मरतै झिमनी घेरा

बहुते नखरा राँगल जंतुक
शेरक मुद्रा बैसल शेरा

एकै पेटक तीनू संतति
सरदर तख्ता खुहरी चेरा

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
81

पानिमे पानि परसल जाइए
आगिमे आगि बाँटल जाइए

शब्दपर शब्द लीखल जाइए
अर्थ बस अर्थ छूटल जाइए

भेल कोंढ़ीक चर्चा रातिमे
भोरमे फूल लोढ़ल जाइए

छै अपन ढेप माटिक मोल नै
आनकेँ सोन बूझल जाइए

बेरपर आसमे चुप रहैए
बेरपर ढोल पीटल जाइए

सभ पाँतिमे 212-2122-212 मात्राक्रम अछि।

82
सत्ता के मातल नेता एलै दुआर हे
दुखमे ई झड़कल जनता फोड़ल कपार हे

रचनामे साधु छै जीवनमे किछु आर हे
एहनकेँ माने बुझियौ बड़का छिनार हे

नोरे छै कोसी कमला गंगा किनार हे
नोरेमे घोरल गेलै सिंदुर पिठार हे

आँगनमे रेखा पड़तै भेलै विचार हे
अपने के केलक पहिने अपने शिकार हे

मुद्दा तँ लीखै तेना जेना सरकार हे
सरकारक आगू भेलै बंदे बकार हे

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। ई गजल लोकधुनपर आधारित अछि।

83

तेहन इशारा भऽ गेलै
सभटा खुलासा भऽ गेलै

इच्छे हमर मारि देलक
केहन जमाना भऽ गेलै

मिश्री जकाँ आँखि लागल
सपना बताशा भऽ गेलै

पाखंड छै चान सूरज
जुल्मो सितारा भऽ गेलै

हुनकर कृपा पाबि बहुते
किशमिश छुहारा भऽ गेलै

सभ पाँतिमे 2212-2122 मात्राक्रम अछि।


84

चानन टिक्का आर मसुआइ
अजगुत खेला भाइ रे भाइ

दुनियाँ माने अतबे बूझू
झूर झमेला लाइ लपटाइ

ई सभ भेलै लेकिन फेरो
की सभ हेतै दाइ गे दाइ

सुख के माने तिलबा हेतै
दुख के माने लाइ चुड़लाइ

हुनके जकाँ हम हाथ जोड़ल
हुनके जकाँ हमहूँ नितराइ

सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

85
ई बात बुझले रहै ई बात जनले रहै
जे दुश्मनक भीड़मे किछु लोक अपने रहै

आएल जहिया जखन आँगन अचानक कियो
किछु नोर पोछल रहै किछु नोर बचले रहै

मजबूर जीहो रहल मजबूर ठोरो रहल
किछु बात संगे रहै किछु बात अलगे रहै

ईहो तमाशा बहुत भेलै हमर देशमे
किछु लोक जागल रहै किछु लोक सुतले रहै

खरिहानमे खेतमे आँगन दलानो बुझू
किछु जीह कटले रहै किछु मूँह दबले रहै

सभ पाँतिमे 2212-212-2212-212 मात्राक्रम अछि।

86
बसबिट्टी सन घनगर दुख
बाँसे सन छै नमहर दुख

गोपी बनि ललचाबै सभकेँ
ई टिकुला ई मज्जर दुख

हुनका हिस्सा सीसो सभ
हमरा हिस्सा पीपर दुख

हारल दुख हमरा भेटल
जीतल जीतल हुनकर दुख

बहुते दिन सुख लग रहितो
रहिए गेलै असगर दुख

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

87

अहूँ देखियौ आइ औकात हुनकर
रहै भूख हमरे मुदा भात हुनकर

कहीं ने कहीं छै बहुत गैप अर्थक
उधेसल पुधेसल कते बात हुनकर

जमीने कहै छै कहानी मनुक्खक
सहीमे अलग छै अबरजात हुनकर

धरापर गगनमे जगह छेकि बैसल
छलनि बीच जिनकर छलनि कात हुनकर

अहो भाग्य जे पंच देखल अहीं सन
छलै गाछ हिनकर रहै पात हुनकर

सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि आ ई बहरे मुतकारिब मुस्समन सालिम अछि।

88
कोने रंग सुख की कोने रंग बेदन रे
ललना रे कोने रंगक लोकक जीवन रे
सत्ता चाहै लंपट लंगट बंगट संकट
ललना रे ईहो अजगर लपटल चंदन रे
स्वर्गक इच्छा रखने नरके भेटल हमरा
ललना रे किछु नै रखने कटलै बंधन रे
अमीरक बच्चा रहलै तीसो साल बच्चा
ललना रे गरीब छनमे भेलै चेतन रे
किम्हर जेतै घर आ किम्हर जेतै आँगन
ललना रे केने रहलै खटपट बरतन रे
सभ पाँतिमे 222-222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
89

जमीन खा गेलै अकास खा गेलै
जहर मिला सभहक मिठास खा गेलै

कनी मनी रहितै तँ मानितहुँ नीके
बहुत निचलकाकेँ उँचास खा गेलै

जहाँ तहाँ काँटे जहाँ तहाँ महके
अहीं कहू के सभ सुवास खा गेलै

कहाँ कियो कहलक कहाँ कियो बुझलक
विकास देलक आ हुलास खा गेलै

अवास खा गेलै गरीब गुरबा के
अचल सचल राजित निवास खा गेलै

सभ पाँतिमे 12-1222-12-1222 मात्राक्रम छै। निच्चाक शेर हमर अवचेतन मोनमे छल मुदा आभास होइए जे कोनो टीभी शो केर प्रभाव छै एहि शेरपर।

बनल रही मिरचाइ हम बहुत कड़ुगर
मिला कऽ मुरहीमे झकास खा गेलै

90
किछु नै भेलहुँ जीवनमे
अपजश लेलहुँ जीवनमे

जहिया जखन भूख लागल
इच्छा खेलहुँ जीवनमे

दुख दर्द आ नोरे नोर
अतबे धेलहुँ जीवनमे

अपन मरजीसँ गेल रही
अपने एलहुँ जीवनमे

बहुत बेर बहुत कारणसँ
मूँहे बेलहुँ जीवनमे

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
91

करिते रहलै मारि बात
धरिते रहलै डारि पात
हुनकर हँसी चूड़ा दही
हुनकर तामस दूध भात
एक दू तीन चारि पाँच
केने छै अनेको घात
कनी सुगंध कनी अवाज
पसरि गेलै चारू कात
बिच्चे बैसल धनी मनी
बाँकी सभ तँ काते कात
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।

92
ईहो निकलत ओहो निकलत
जहरो निकलत अमृतो निकलत

अइ रंग बिरंगक दुनियाँमे
करियो निकलत उजरो निकलत

आँगनमे एहने फरमान
बुढ़ियो निकलत बुढ़बो निकलत

कहियो आधुनिकताक लिस्टसँ
गामो निकलत शहरो निकलत

कहियो ने कहियो पिंजड़ासँ
सुग्गो निकलत मैनो निकलत

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
93

खेतक उपजा पैकार लेने जाइए
जे बाँचल से सरदार लेने जाइए

देहक कांति चलि गेलै पेटक आगिमे
कलमक धार पुरस्कार लेने जाइए

एनाइ गेनाइ खाली हाथ मुदा किछु
लोक चितापर आभार लेने जाइए

जतबे सुलभ भेलै समाधान अइठाम
घुरछी ततबे विस्तार लेने जाइए

बिन सोंगर दुब्बर बूझै छै अपनाकेँ
तँइ जहाँ तहाँ दरबार लेने जाइए

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
94

घासक संगे जाबी हमहीं
सम्बन्धक बेपारी हमहीं

इम्हर उम्हर जिम्हर तिम्हर
हमहीं हमहीं खाली हमहीं

जहिया ताकब हमहीं भेटब
मुस्की आ किलकारी हमहीं

माली सेहो बुझिए गेलै
अइ फूलक फुलडाली हमहीं

छथि ईश्वर मालिक मलकाइन
छी एहन दरबारी हमहीं

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।

95

किछु किछु इच्छा सैंतल छै
किछु किछु इच्छा बहसल छै

अइ देहक देखू फाइल
हड्डी हड्डी गानल छै

हेबे करतै किछु ने किछु
अपना भरि से लागल छै

की कहतै कोना कहतै
अपने हाथक दागल छै

जनता थिक सस्ता फस्ता
इम्हर उम्हर फेकल छै

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।

96
आँगन रहने बुझियै बेसी
औफिस गेने उतरल ठेही

सुन्ना पाछू सुन्ने सुन्ना
सुन्ना आगू सुन्ने देखी

जीवन भूजल इच्छा रान्हल
दरदो पीसल बहुते मेंही

रुतबा बढ़ने दुनियाँ छेना
रुतबा घटने दुनियाँ छेनी

सिस्टम बूझै हमहीं फादर
सत्ता बूझै बेटा बेटी

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।
97
कटबे केलै पीपर हो
आँगन लगलै गीजर हो

कनियाँ भुक्खे कुहरैए
बाहर उठलै सोहर हो

जकरा बुझलह कीदन तों
से सभ हमरे तोहर हो

हमहूँ अनमन तोरे सन
हमरे भीतर दोसर हो

जइ ठाँ सिरजब अपनाकेँ
तकरे कहबै कोबर हो

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।

98

एगो छै बरबादी रखने
दोसर छै तरकारी रखने

जीवनमे अपकर्मे खाली
रचना छै परतापी रखने

ओ बाँचै महिमा दोस्तीकेँ
सिरमा तर गद्दारी रखने

की ने सहलक की ने बुझलक
किछु कर्जा सरकारी रखने

कहियो हमरो खत्ते भेटत
हमहूँ छी दरबारी रखने

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि।

99

बहुत घमंडी तू राजा
थू राजा आऽ थू राजा

जीवन रस दुनियाँ खातिर
लुटलक एकै दू राजा

नोरक आगू नै सोभै
हा हा ही ही हू राजा

ई सभ ओ सभ हाथी छै
आन्हर बनि बनि छू राजा

तोहर किरपा माने छै
रौदी दाही लू राजा

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। एकरा बहरे मीर कहल जाइत छै।

100

बिन लोकक संसार बाँचल
जे बाँचल अवतार बाँचल

सभ तरहक अपराध रखने
धरतीपर सरकार बाँचल

घुमि एलहुँ दरबार सभहक
बस हुनके दरबार बाँचल

टूटल फूटल भोथ बेकार
हमरा लग हथियार बाँचल

बाहर बाहर सभ्य बनलहुँ
भीतरमे खुंखार बाँचल

सभ पाँतिमे 22-22-2122 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि।


आशीष अनचिन्हार

मूल नाम--आशीष कुमार मिश्र

माता--श्रीमती गम्भीरा मिश्र

पिता- स्व. कृष्ण चंद्र मिश्र

गाम--भटरा घाट (बिस्फी)

जन्म--4/12/1985

मैथिली गजल एवं शेरो-शाइरीपर केंद्रित इंटरनेट पत्रिका (ब्लाग रूपमे) “अनचिन्हार आखर”  http://anchinharakharkolkata.blogspot.com/ केर संस्थापक ओ संपादक

 

प्रकाशित कृति---

1)  अनचिन्हार आखर (गजल, रुबाइ ओ कता संग्रह)

2) मैथिली गजलक व्याकरण ओ इतिहास (ई भर्सन प्रकाशित)

3) मैथिली वेब पत्रकारिताक इतिहास (ई भर्सन प्रकाशित)

4) जंघाजोड़ी (गजल संग्रह, ई भर्सन प्रकाशित)

5) मैथिली गजलक Ready Reckoner (मैथिली गजल व्याकरणक संक्षिप्त रूप, ई भर्सन प्रकाशित)

 

संपादित पोथी-

1) स्वतंत्रचेता (अरविन्द ठाकुर: व्यक्तित्व-कृतित्व, विदेहक अरविन्द ठाकुर विशेषांक केर संशोधित रूप, बर्ख-2020 शशि प्रकाशन, कालिकापुर, सुपौल)

 

श्री गजेन्द्र ठाकुरजीक संगे सह-संपादित पोथी

1) मैथिली गजल: आगमन ओ प्रस्थान बिंदु (गजलक आलोचना-समालोचना-समीक्षा), ई-भर्सन प्रकाशित

2) मैथिलीक प्रतिनिधि गजल (1905सँ 2016 धरि), ई-भर्सन प्रकाशित

सम्मान--

बर्ख 2014 लेल विदेह भाषा सम्मान (समानान्तर साहित्य अकादेमी सम्मान)सँ पोथी “अनचिन्हार आखर”  (गजल संग्रह) लेल सम्मानित।

मेल - ashish.anchinhar@gmail.com



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