नोर झरैए मोनक दागनि दगै छी
तराटक लागलए आ बातो बकै छी
कोनटा बचल नै एकान्ती ले एकोटा
अन्हरोखे उठै छी आ गनती गनै छी
अन्हरियासँ बेसी अन्हार जिनगीमे
ई इजोरिया किए अहाँ मुँह दुसै छी
पिआ गेलाह देशान्तर दूरस्त देस
कियो नै घुरै अछि से आसो नै तकै छी
भोरे अहाँ बिनु दिन फेर बजरल
ऐरावतसँ भारी ऐ दिनकेँ देखै छी
अन्हरिया सँ बेसी अन्हार जिनगी मे
जवाब देंहटाएंकरेजक दर्द के ठोर पर आनि देलहुँ