कीनल खुशी पर हसूँ कतेक
पलास्टिकक कंठ सँ बाजू कतेक
रहस्य बेपारक बुझबै नहुँ-नहुँ
देखू कमजोर हाथ मे तराजू कतेक
आधुनिको नहि उत्तर आधुनिक जुग
बच्चा बेचैत मनुख गर्जू कतेक
बिनु आँकरक भात कतए भेटत
कहू कओरे-कओरे थुकरु कतेक
अनचिन्हारक चश्मा लागल आखिँ पर
कहू दोसर लग हम बैसू कतेक
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सोमवार, 14 मार्च 2011
गजल
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अनचिन्हार,
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
कतेक -काओरे के अर्थ बताएं बहुत अच्छा lagta है आपकी ग़ज़लें पढना अर्थ पता चलने पर aur भी आनंद आएगा.
जवाब देंहटाएंनमस्कार
जवाब देंहटाएं१) कतेक ---- कितना
२) कओरे ----- कौर ( हाथ से खाते समय जो मुठ्ठी बनती है |)आशा हैं इसी तरह अन्य शव्द भी आप सामने लायेंगी