शुक्रवार, 4 मार्च 2011

गजल

के कनैत अछि एहिठाम हमरा लेल

के रहैत अछि एहिठाम हमरा लेल



केकरो सपना मे अएबैक हम भ्रम नहि पोसब

के सुतैत अछि एहिठाम हमरा लेल



उठनाइ खराप नहि मुदा कनेक अहूँ सोचिऔ

के उठैत अछि एहिठाम हमरा लेल



अनवरत बसातक संग आबि रहल गर्दा

के उड़ैत अछि एहिठाम हमरा लेल



अनचिन्हार नाम अनचिन्हार गाम अनचिन्हार सभ

के गबैत अछि एहिठाम हमरा लेल

1 टिप्पणी:

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों