मंगलवार, 17 मई 2011

गजल

हुनकर बेवफाई से धधकल आगिक लुत्ती बनि गेलों
पहिने रही ठीक-ठाक आब बहसल अगत्ती बनि गेलों

कहलक रहे ओ मरतो दम तक देब अहाँक साथ

दुखक आँचि जे एलाह कनिकटा, मोमबत्ती बनि
गेलों

कहलो जे हुनका अहाँक संग नै ये बहुत दिनक

लीपैट गेल ऐना देह में, की अमरलत्ती बनि
गेलों

पूजा के नाम से जिनका सिसकारी छुट
ैत रहे
ओ पियार में परि के गोसाँय भगवत्ती बनि
गेलों

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों