सोमवार, 2 मई 2011

गजल

भैया खुश ये, बहिना खुश ये
नबका सासुर, पहुना खुश ये

सिरको में ओ
कापैत रहला
गरीब बिना ओछोना खुश ये

तोशको ग़द्दा नींद नै लाबेए

गरीब बिना बिछोना खुश ये

सुनिलक ग़ज़ल रास नै आबए

तइयो जहिना-तहिना खुश ये

2 टिप्‍पणियां:

  1. एहि सालक सभ सँ नीक गजल, बधाइ सुनील जी।

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  2. हमर सौभाग्य...मुदा एतेक पैघ स्थान नै देल जाऊ...अखन हम हिनकर हकदार नै छि...

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों