अहूँ पड़ाएल छलहुँ हमहूँ पड़ाएल छलहुँ
अहूँ घबड़ाएल छलहुँ हमहूँ घबड़ाएल छलहुँ
साइत एहने भेट लिखल छल कपार मे
अहूँ लजाएल छलहुँ हमहूँ लजाएल छलहुँ
रुकलाहा जिनगीक लेल सौरी बेर-बेर सौरी
अहूँ उबिआएल छलहुँ हमहूँ उबिआएल छलहुँ
शेर चल गेल आब ताल दए की हएत
अहूँ सुटिआएल छलहुँ हमहूँ सुटिआएल छलहुँ
रहि गेलहुँ अनचिन्हार करेज सटेलाक बादो
अहूँ अगुताएल छलहुँ हमहूँ अगुताएल छलहुँ
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मंगलवार, 3 मई 2011
गजल
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
भाई अनचिन्हार जी
जवाब देंहटाएंअहां के मैथिली ग़ज़ल बड्ड नीक छै. एकरा जारी रक्खूं.
-----देवेंद्र गौतम