शुक्रवार, 17 मार्च 2017

गजल

भक्ति गजल

आयू पूरल जौबन छूटल
सुत मित दुनियाँ सेहो रूसल

अप्पन अनकर हम्मर हुनकर
अतबेमे ई जीवन बीतल

कोठा सोफा अहिना रहतै
ई चर्चा हमरे नै बूझल

जिनका बुझलहुँ अपना अपनी
अंत समय से टन्ना लूटल

दुरजन डूबल सुविधा रसमे
निरगुण रसमे साधू डूबल

सभ पाँतिमे 22+22+22+22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि नियम शैथिल्यक तहत।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों