भक्ति गजल
आयू पूरल जौबन छूटल
सुत मित दुनियाँ सेहो रूसल
अप्पन अनकर हम्मर हुनकर
अतबेमे ई जीवन बीतल
कोठा सोफा अहिना रहतै
ई चर्चा हमरे नै बूझल
जिनका बुझलहुँ अपना अपनी
अंत समय से टन्ना लूटल
दुरजन डूबल सुविधा रसमे
निरगुण रसमे साधू डूबल
सभ पाँतिमे 22+22+22+22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि नियम शैथिल्यक तहत।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
आयू पूरल जौबन छूटल
सुत मित दुनियाँ सेहो रूसल
अप्पन अनकर हम्मर हुनकर
अतबेमे ई जीवन बीतल
कोठा सोफा अहिना रहतै
ई चर्चा हमरे नै बूझल
जिनका बुझलहुँ अपना अपनी
अंत समय से टन्ना लूटल
दुरजन डूबल सुविधा रसमे
निरगुण रसमे साधू डूबल
सभ पाँतिमे 22+22+22+22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि नियम शैथिल्यक तहत।
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