बुधवार, 15 मार्च 2017

गजल

देह बसिया गेल छै
मोन मसुआ गेल छै

बाढ़ि रौदी सभ सही
मेघ अगड़ा गेल छै

फाइलो सभ कहि रहल
काज अधिया गेल छै

आइ फेरो हेतै किछु
बात भजिया  गेल छै

पानि चाहै ठोरकेँ
धार डेरा गेल छै


सभ पाँतिमे 2122 + 212 मात्राक्रम अछि
चारिम शेरक पहिल पाँतिक एकटा अंतिम दीर्घकेँ लघु नियम शैथिल्यक तहत मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों