सोमवार, 27 मार्च 2017

आशीष अनचिन्हारक सभ कता एकैठाम

1

देखिते हुनका करेजक गाछ मजरि गेल
प्रेम गमकए लागल पहिल गोपी जकाँ
लगबिते चोभा गिनगी हमर सम्हरि गेल
बनि गेलहुँ हम कृष्ण अहाँ गोपी जकाँ

2

जकर अगैंठीमोड़ एतेक सुन्दर
तकर देहक हिलकोर केहन हेतैक
जकर आँखिक नोर एतेक सुन्दर
तकर हँसी भरल ठोर केहन हेतैक

3

जे लोकक थारिए ढ़कोसि जाइए
दू दिनक उपास मे संत बनि जाएत
जे लोकक हँसिए भकोसि जाइए
उपदेशक बात वएह कहि जाएत

4

रामे जानथि आब करेज के की हएत
अहाँक नजरि सँ ओ तबाह भए गेल
रामे जानथि आब मोन के की हएत
अहाँक नजरि सँ ओ घबाह भए गेल

5

जँ आँखि हमर नहि थकैए देखबा सँ
तँ अँही कहू सजनी हम की करू
जँ मोन नहि भरैए संग रहबा सँ
तँ अँही कहू सजनी हम की करू

6
दूनू मे कोनो फर्क नहि हमरा बुझने
उड़ीस आ दलाल के एकै बूझू
दूनू मे कोनो फर्क नहि हमरा बुझने
नेता आ मच्छर के एकै बूझू

7

नेता के गरा मे बान्हल घैल बूझू
डूबल देशक नाम कहबै तँ भारत हएत
दलाल आ गुंडाक हाथ फैल बूझू
लूटल देशक नाम कहबै तँ भारत हएत

8

मोन करैए अँहाक कोरा मे सूती
निशा भरल आँखि मे बेर-बेर डूबी
जहिआ सँ देखलहुँ अँहाक सुन्नरि रुप
की कहू सजनी सुतली राति मे उठी

9

जहरक मारल जी जाएत आँखिक नहि
इ बड़का अजगुत प्रेमक संसार मे
अनकासँ जीतब मुदा अपना सँ नहि
इ बड़का अजगुत प्रेमक संसार मे

10

अँहाक कुशल तँ अपने कुशल बुझाइए
तँए एक दोसराक कुशल मनाबी
अँहाक कष्ट तँ हमरो अपने बुझाइए
तँए एक दोसराक भार उठाबी

11

जा धरि सरकार बचेतै आतंकी के
ता धरि लोक मारले जाएत सदिखन
जा धरि सरकार बनेतै आतंकी के
ता धरि इ बम फोड़ले जाएत सदिखन

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों