फगुआ अहाँक बिनु कतेक बेरंग अछि
बाँकी बस अहाँक यादेटा संग अछि
एही दुनियासँ जहन अहाँ चलि गेलौं
बुझलौं कतेक कठिन जीवनक जंग अछि
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
फगुआ अहाँक बिनु कतेक बेरंग अछि
बाँकी बस अहाँक यादेटा संग अछि
एही दुनियासँ जहन अहाँ चलि गेलौं
बुझलौं कतेक कठिन जीवनक जंग अछि
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें