बाल गजल
हाएत दिवाली जड़तै दीप
आँगने
आँगन बड़तै दीप
घर दुआरि आँगन सँभमेँ
डेगे डेऽग पर जड़तै
दीप
अन्हार रातिमेँ इजोत दैले
मोमबत्ती संगे लड़तै दीप
हम सब खेलब हुक्का पाती
लेसै लेल काज पड़तै दीप
चुक्का
डिबिया सबसँ मिलके
गाम प्रकाशसँ भरतै दीप
करै लेल घरकँ
द्वारपाली
अन्हार रातिसँ लड़तै दीप
सरल वर्णिक बहर ,वर्ण 11.
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डेगे डेऽग पर जड़तै दीप
अन्हार रातिमेँ इजोत दैले
मोमबत्ती संगे लड़तै दीप
हम सब खेलब हुक्का पाती
लेसै लेल काज पड़तै दीप
चुक्का डिबिया सबसँ मिलके
गाम प्रकाशसँ भरतै दीप
करै लेल घरकँ द्वारपाली
अन्हार रातिसँ लड़तै दीप
सरल वर्णिक बहर ,वर्ण 11.
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