हम रटै छी गोविन्द गिरधारीकेँ
हम तकै छी मुरली मनोहारीकेँ
देवकी वसुदेवक जशोदा नंदक
पूत गोपी वल्लभ जमुन तारीकेँ
जे उबारथि तारथि उठाबथि चाहथि
हम कहै छी तै कंस संहारीकेँ
पूजि ने थकलहुँ हम सुदामा मित्रक
द्रौपदी सत इज्जतक रखबारीकेँ
जै कहैए जमुना कदम्बक गाछो
रास रचि गीता कहि क' भयहारीकेँ
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
सभ पाँतिमे 2122+2212+222 मात्राक्रम अछि।अंतिम शेरक बाद पारम्परिक पदक प्रयोग अछि।
हम तकै छी मुरली मनोहारीकेँ
देवकी वसुदेवक जशोदा नंदक
पूत गोपी वल्लभ जमुन तारीकेँ
जे उबारथि तारथि उठाबथि चाहथि
हम कहै छी तै कंस संहारीकेँ
पूजि ने थकलहुँ हम सुदामा मित्रक
द्रौपदी सत इज्जतक रखबारीकेँ
जै कहैए जमुना कदम्बक गाछो
रास रचि गीता कहि क' भयहारीकेँ
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
सभ पाँतिमे 2122+2212+222 मात्राक्रम अछि।अंतिम शेरक बाद पारम्परिक पदक प्रयोग अछि।
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