मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

गजल

दर्दसँ भरल गजल छी हम
शोकसँ सजल महल छी हम

सुख केर आशमे बैसल
दुखमे खिलल कमल छी हम

भितरी उदास रहितो बस
बाहरसँ बनि हजल छी हम

जिनगी कऽ बाटपर सदिखन
सहि चोट नित चलल छी हम

कुन्दन सुना रहल अछि ई
संघर्षमे अटल छी हम

मात्रा क्रम :२२१२+१२२२

© कुन्दन कुमार कर्ण


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों