शुक्रवार, 13 दिसंबर 2013

गजल


आब चाही बस अहाँ केर मुस्कीटा
नै मरब पीने बिनु प्रेम चुस्कीटा

जे अहाँ बजलौं करू ओकरो पूरा
की अहूँ भेलौं खली बम्म फुस्कीटा

नै कटाबू नाक आबू सभक सोंझाँ
की तरे-तर रहब मारैत भुस्कीटा

डर लगैए भीड़मे नै निकलु बाहर
देख टीभी बसि घरे करब टुस्कीटा

मनु दखेलौं सभक अपनो कनी देखू
बिसरि अप्पन काज नै बनब घुस्कीटा

(बहरे कलीब, मात्रा क्रम २१२२-२१२२-१२२२)

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों