हुनका चाही काबा काशी
हमरा चाही लबनी पासी
हँसि हँसि गाबै माँलक बनियाँ
उजड़ल उपटल गामक चासी
उज्जर निरमल चकमक चकमक
कारी कारी मोनक वासी
बड़ भारी अछि नामक महिमा
तैयो दरसन के अभिलाषी
चूबै अमरित हुनकर ठोरसँ
पी पी बनलहुँ हम अविनाशी
सभ पाँतिमे 22+22+22+22 मात्राक्रम अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
हमरा चाही लबनी पासी
हँसि हँसि गाबै माँलक बनियाँ
उजड़ल उपटल गामक चासी
उज्जर निरमल चकमक चकमक
कारी कारी मोनक वासी
बड़ भारी अछि नामक महिमा
तैयो दरसन के अभिलाषी
चूबै अमरित हुनकर ठोरसँ
पी पी बनलहुँ हम अविनाशी
सभ पाँतिमे 22+22+22+22 मात्राक्रम अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें