गुरुवार, 1 मई 2014

रुबाइ

आपस दे हमरा  हमर बितल दिन

किरया तोरा दे   सगर बितल दिन

रहि जाएब आब असगरे तोरा बिन

नै यादि करब संगे तोहर बितल दिन

                  ✍🏻जगदानन्द झा ‘मनु’


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों