बुधवार, 28 मई 2014

गजल

गजल

बस पात छलै
नै भात छलै

जे आगू छल
से कात छलै

हम साँझ छलहुँ
ओ प्रात छलै

हँसि हँसि बाजल
किछु बात छलै

हारल थाकल
अहिबात छलै

सभ पाँतिमे 2222 मात्राक्रम अछि।

सभ शेरमे दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।

सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों