भावनामे बहू नै कखनो
दास मोनक बनू नै कखनो
चित्त एकाग्र राखू सदिखन
घोर चिन्ता करु नै कखनो
मोह माया कऽ बन्धनमे यौ
भुलि कऽ मरितो परु नै कखनो
मीठ बोली सभक लग बाजू
बात कटु सन कहू नै कखनो
बाट जे लक्ष्य धरि नै पहुँचत
ताहि बाटसँ चलू नै कखनो
कर्म आधार छी जिनगीकेँ
दूर एहिसँ रहू नै कखनो
सूत्र छी किछु सफलताकेँ ई
बात व्यर्थक बुझू नै कखनो
मात्राक्रम : 2122-12222
© कुन्दन कुमार कर्ण
दास मोनक बनू नै कखनो
चित्त एकाग्र राखू सदिखन
घोर चिन्ता करु नै कखनो
मोह माया कऽ बन्धनमे यौ
भुलि कऽ मरितो परु नै कखनो
मीठ बोली सभक लग बाजू
बात कटु सन कहू नै कखनो
बाट जे लक्ष्य धरि नै पहुँचत
ताहि बाटसँ चलू नै कखनो
कर्म आधार छी जिनगीकेँ
दूर एहिसँ रहू नै कखनो
सूत्र छी किछु सफलताकेँ ई
बात व्यर्थक बुझू नै कखनो
मात्राक्रम : 2122-12222
© कुन्दन कुमार कर्ण
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