सोमवार, 12 मई 2014

गजल

बाल गजल


आमुन बेटी जामुन बेटी
लिच्ची सनकेँ दारुन बेटी

सरदी गरमी पुरबा पछबा
सावन भादव फागुन बेटी

धो पोछि क' सगरो चमकाबै
आँगन बासन साबुन बेटी

अनका घरकेँ पोसै पालै
हमरा घरकेँ पाहुन बेटी

सभहँक उप्पर जूति चलेतै
कानन बाजन कानुन बेटी


सभ पाँतिमे 222+222+22 मात्राक्रम अछि।
तेसर आ अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। तेनाहिते मूल शब्द "कानून" छै मुदा काफिया ओ लयकेँ रक्षा करैत "कानुन" कहल गेल अछि।
दारुण लेल दारुन कहल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों