रविवार, 6 जुलाई 2014

हजल

एक दिन कनियांसँ भेलै झगडा
मारलनि ठुनका कहब हम ककरा

ओ पकडलनि कान आ हम झोंट्टा
युद्ध चललै कारगिल सन खतरा

मारि लागल बेलनाकेँ एहन
फेक देलक आइ आँखिसँ धधरा

बाघ छी हम एखनो बाहरमे
की कहू ? घरमे बनल छी मकरा

एसगर कुन्दन सकत कोना यौ
ओ हजलकेँ बुझि लए छै फकरा

मात्राक्रम: 2122-2122-22

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों