गजल- 2.26
हम बाढ़िक मारल-झमारल छी
परजातंत्रक सुखसँ बारल छी
जुनि कोड़ब सखि भावना कहियो
स्मृतिमे पुरना लाश गाड़ल छी
ई जग हारय आबि हमरा लऽग
अपने मोनक तर्कसँ हारल छी
किछु नै हमरा लऽग किओ बाजय
सत्यवादक अवगुणसँ छारल छी
हम नै छी कवि ने गजल वक्ता
बस शब्दक धधरा पजारल छी
2222-2122-2
अमित मिश्र
हम बाढ़िक मारल-झमारल छी
परजातंत्रक सुखसँ बारल छी
जुनि कोड़ब सखि भावना कहियो
स्मृतिमे पुरना लाश गाड़ल छी
ई जग हारय आबि हमरा लऽग
अपने मोनक तर्कसँ हारल छी
किछु नै हमरा लऽग किओ बाजय
सत्यवादक अवगुणसँ छारल छी
हम नै छी कवि ने गजल वक्ता
बस शब्दक धधरा पजारल छी
2222-2122-2
अमित मिश्र
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