की कहू ओ बाट तँ हम बिसरि गेलहुँ
जाहि पर साइत अहाँ अबै-जाइ छलहुँ
की हेतै जँ छोड़िए देब हमरा
हम तँ मिलन विरह सँ उपर गेलहुँ
अँहाक कुशल तँ अपने कुशल बुझाइए
तँए एक दोसराक कुशल मनाबी
अँहाक कष्ट तँ हमरो अपने बुझाइए
तँए एक दोसराक भार उठाबी
रुसल आइ जान हमर देखू अजगुत
छूटल आइ जान हमर देखू अजगुत
जी ने सकी हम हुनका बिनु केखनो
बूझल आइ जान हमर देखू अजगुत
जहरक मारल जी जाएत आँखिक नहि
इ बड़का अजगुत प्रेमक संसार मे
अनकासँ जीतब मुदा अपना सँ नहि
इ बड़का अजगुत प्रेमक संसार मे
मोन करैए अँहाक कोरा मे सूती
निशा भरल आँखि मे बेर-बेर डूबी
जहिआ सँ देखलहुँ अँहाक सुन्नरि रुप
की कहू सजनी सुतली राति मे उठी
ओ जखन देखैए हमरा बेर-बेर
हिलकोर उठैए बूझू बेर-बेर
अँहा हमरे छी आ हमरे टा छी
इ बात करेज कहैए हमरा बेर-बेर