A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
अँहाक कुशल तँ अपने कुशल बुझाइए
तँए एक दोसराक कुशल मनाबी
अँहाक कष्ट तँ हमरो अपने बुझाइए
तँए एक दोसराक भार उठाबी
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