मंगलवार, 21 जून 2011

कता



मोन करैए अँहाक कोरा मे सूती

निशा भरल आँखि मे बेर-बेर डूबी

जहिआ सँ देखलहुँ अँहाक सुन्नरि रुप

की कहू सजनी सुतली राति मे उठी

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों