घरक' मोह ममता छोरिक'ओ बिहान चलि गेल
गरीबी सं तंग आबिक' ओ आसाम चलि गेल
हथियाक ' हाल बत्तर चित्राक' सेहो नहि बरसल,
एहि रौदिक मुह मे कित्तक'-कित्तक'धान चलि गेल
गरीबी सं तंग आबिक' ओ आसाम चलि गेल
हथियाक ' हाल बत्तर चित्राक' सेहो नहि बरसल,
एहि रौदिक मुह मे कित्तक'-कित्तक'धान चलि गेल
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