कानए लागल पात नुका कए राति मे
खीजए लागल पात नुका कए राति मे
बेशर्मीक हद टपि गेल केओ ने कहलक
हूथए लागल पात नुका कए राति मे
नहि छैक पाइ जे कराओत इलाज दर्दक
कूथए लागल पात नुका कए राति मे
अपने सँ नजरिबंद हम रंग-महल मे
देखए लागल पात नुका कए राति मे
सुआद लगलैक खाली शोणित केर
चुसए लागल पात नुका कए राति मे
अनचिन्हार देह-दरसक रहस्य बूझल
छूबए लागल पात नुका कए राति मे
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रविवार, 5 जून 2011
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